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लालजी टंडन लखनऊ की संस्कृति और राष्ट्रीय निष्ठा का अद्भुत समागम थे : राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मंगलवार को गहरा शोक व्यक्त किया। श्री कोविंद ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के जरिये अपने शोक संदेश में कहा, “मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन से हमने एक ऐसी महान हस्ती खो दी है, जो लखनऊ की संस्कृति और राष्ट्रीय निष्ठा का अद्भुत समागम थे।

राष्ट्रपति ने कहा, “मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं। उनके परिजनों और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।”

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का 85 वर्ष की आयु में लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। लालजी टंडन बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ के मेदांता अस्पताल में चल रहा था।  बीती रात उनकी हालत फिर बिगड़ गई थी। उन्हें गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर रखा गया था। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और उनके बेटे आशुतोष टंडन ने ट्विटर पर एक पोस्ट के माध्यम से साझा की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- बाबूजी नहीं रहे।

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इसकी जानकारी मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने दी थी। उन्होंने कहा था कि बीती रात उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर है। उन्हें फुल सपोर्ट पर रखा गया है।

ज्ञात हो, लालजी टंडन को 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब में परेशानी की वजह से लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जून को ऑपरेशन किया गया था। हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। वे बीच में दो दिन बाई-पैप मशीन पर भी रहे।

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मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. कपूर के अनुसार, लालजी टंडन के किडनी फंक्शन में दिक्कत थी। ऐसे में उनकी डायलिसिस करनी पड़ रही थी। अब उनके लीवर फंक्शन में भी दिक्कत शुरू हो गई थी।

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