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लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में लालू परिवार को बड़ी राहत, कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत

Lalu Prasad

Lalu Prasad

पटना। लैंड फॉर जॉब स्कैम (Land for Job Scam) मामले में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad)और उनके परिवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने इस मामले में लालू यादव उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को जमानत दे दी है।

आरोपियों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि उन्हें बिना गिरफ्तार किए ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। इसलिए अदालत सभी को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत देती है। सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत से कहा कि राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा यादव को जमानत देने के पिछले आदेश की तरह ही डायरेक्शन दिये जा सकते हैं। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों को अपने पासपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

लालू (Lalu Prasad), तेजस्वी, तेजप्रताप समेत सभी 9 आरोपियों को एक-एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी। आरोप तय करने पर जिरह से पहले चार्जशीट और उससे जुड़े दस्तावेजों की जांच यानी स्क्रूटनी की कानूनी प्रकिया का पालन किया जाएगा।

ED ने चार्जशीट में तेजप्रताप यादव को आरोपी नहीं बनाया था, लेकिन कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को समन जारी करते हुए कहा था तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य हैं और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि बड़ी तादाद में जमीन के टुकड़ों और संपत्तियों का ट्रासंफर हुआ है। यादव परिवार ने पद का दुरुपयोग किया है। कोर्ट ने कहा था कि यादव परिवार के नाम पर भूखंड ट्रांसफर हुए हैं।

लालू, तेजस्वी, तेजप्रताप के साथ मीसा भारती भी हैं। लेकिन मीसा भारती को ईडी मामले में पहले ही समन जारी हो चुका है और उनको जमानत मिली हुई है। आज के समन के हिसाब से मीसा भारती को पेश होने की जरूरत नहीं थी।

क्या है आरोप

आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीनें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।

क्या है मामला

लैंड फॉर जॉब’ कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप के मुताबिक लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। दिल्ली की अदालत ने लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ 28 फरवरी 2023 को भी समन जारी किया था।

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इस मामले में 10 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जुलाई 2022 में ही सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए उनके ओएसडी थे। सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1।05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था।

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