Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

लालू ने जेल से ही चला ली थी सरकार, अफसर गेस्ट हाउस में लगाते थे हाजिरी

Bihar Flashbavk

Bihar Flashbavk

पटना: आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का जेल से विधायक की खरीद फरोख्त का मामला सामने आने पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। भाजपा ने अपने विधायक को खरीदने के लालू के कदम को ही अपना मुद्दा बना लिया है। भाजपा का आरोप है कि लालू रांची में जेल के अंदर से ही बिहार में 220 में चुनी गई NDA सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं। फिलहाल वायरल ऑडियो की जांच के बाद ही असलियत सामने आएगी। लेकिन इस मामले से 23 साल पहले की वो याद ताजा हो गई है जब लालू ने जेल में ही रहकर 100 से ज्यादा दिनों तक सरकार चला ली थी।

WhatsApp Update : अब कर सकते है मैसेज को शेड्यूल, यह है पूरा तरीका

जब लालू ने जेल से चलाई थी सरकार

साल 1997… ये वो वक्त था जब चारा घोटाले में लालू पर कानून का शिकंजा कस चुका था। अरबों रुपये के चारा घोटाले में उन्हें यानि तत्कालीन मुख्यमंत्री को मुख्य साजिशकर्ता करार दिया गया था। लालू के सामने जेल जाने के अलावा और कोई चारा नहीं था। गवर्नर अखलाकुर रहमान किदवई ने सीबीआई को लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दायर करने की इजाजत दे दी थी। उधर लालू पर सीएम के पद छोड़ने का दवाब उनकी तत्कालीन राष्ट्रीय पार्टी यानि चक्र छाप निशान वाले जनता दल की तरफ से ही बढ़ रहा था। हालांकि जनता दल के बिहार के लगभग सभी विधायक उनके साथ थे। ऐसे में लालू ने एक नई चाल चली, उन्होंने जनता दल से ही खुद को अलग कर लिया और 5 जुलाई 1997 को अपनी नई पार्टी RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल का गठन कर लिया। इसके बाद बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल ने बहुमत भी साबित कर दिया।

इतनी कोशिशों के बाद भी लालू पर जेल की काली छाया मंडरा रही थी। जेल जाना तो तय था लेकिन लालू सत्ता को अपने किसी भरोसेमंद को देने के बजाए अपने घर में ही रखना चाह रहे थे। लिहाजा 25 जुलाई 1997 को उनकी धर्मपत्नी राबड़ी देवी को लालू प्रसाद यादव की RJD ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बन गयीं।

Mumbai Terror Attack: आज 26/11 आतंकी हमले के पूरे हुए 12 साल

लेकिन राबड़ी को सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं था। लालू को बखूबी पता था कि कि अगर सत्ता का कंट्रोल उनके हाथ से निकला तो उनके लिए हालात बद से बदतर हो जाएंगे। लिहाजा लालू ने पूर्व मुख्यमंत्री होने और मशीनरी के भी हाथ में होने का फायदा उठाया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके लिए पटना की बिहार मिलिट्री पुलिस के गेस्ट हाउस को ही जेल में बदल दिया गया। यानि लालू सबसे अलग तो थे लेकिन बिहार के पावर सेंटर के बिल्कुल नजदीक।

Exit mobile version