रांची। चारा घोटाले में रांची में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर सिकंजा कस सकता है। लालू ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की है। भाजपा के नेता द्वारा जारी की गई एक कॉल रिकार्डिंग में यह खुलासा हुआ है। इसी प्रकरण में झारखंड हाईकोर्ट में आज एक जन-हित याचिका दाखिल की जाएगी। अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि बीजेपी नेता अनुरंजन अशोक की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की जा रही है। याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव जेल में रहते हुए मोबाइल फोन से बिहार के विधायकों को सत्ता का लोभ देते हुए नीतीश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह जेल मैन्युअल का खुला उल्लंघन है।
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अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि इससे पहले भी हाई कोर्ट के कई आदेश हैं जिनमें रिम्स के कॉटेज को राजनीतिक कैदियों द्वारा ऐशगाह बनाए जाने पर संज्ञान लिया गया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि अगर किसी राजनीतिक कैदी को कई तरह की बीमारियां हैं तो उसके इलाज के लिए जेल में ही अस्थायी व्यवस्था की जा सकती है। उन दिनों रिम्स के कॉटेज में रहने वाले कई राजनीतिक कैदियों को हाई कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया था।
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याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता हैं और लगातार दो साल से रिम्स के पेइंग वार्ड और अब रिम्स निदेशक के बंगले में अपना इलाज करा रहे हैं। इस दौरान उन्हें सेवादार सहित अन्य सुविधाएं मिली हैं, जो राज्य सरकार और जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। ऐसे में हाई कोर्ट को अपने आदेश के आलोक में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। बताया कि इस पूरे प्रकरण में जनहित याचिका तैयार कर ली गई है जो आज दाखिल कर दी जाएगी।