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RJD के निष्कासित MLC को सुप्रीम कोर्ट से राहत, विधान परिषद सदस्यता हुई बहाल

Sunil Singh

Sunil Singh

पटना। आरजेडी के निष्कासित MLC सुनील कुमार सिंह (Sunil Singh) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने सुनील कुमार की विधान परिषद सदस्यता बहाल कर दी है। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल यानी मिमिक्री करने पर निष्कासित कर दिया गया था। बता दें कि सुनील कुमार सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी माने जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राजद के निष्कासित विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह को राहत देते हुए उनकी विधान परिषद सदस्यता बहाल कर दी है।

कोर्ट ने साफ किया कि निष्कासन के दौरान सात महीनों के वेतन भत्ते सुनील (Sunil Singh) को नहीं मिलेंगे। कोर्ट ने विधान परिषद की इस सीट पर उपचुनाव कराने की अधिसूचना भी रद्द कर दी। उनको बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल यानी मिमिक्री करने पर निष्कासित कर दिया गया था।

सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करते हुए उनकी नकल उतारने के चलते विधान परिषद से बर्खास्त किए जाने के बाद RJD के पूर्व MLC सुनील सिंह ने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुनील सिंह (Sunil Singh) का व्यवहार अनुचित है लेकिन विधान परिषद की आचार समिति का फैसला ज़्यादा सख्त था। सदन को उदारता दिखानी चाहिए और अपने सदस्यों के खिलाफ़ असंगत कार्रवाई करने से बचना चाहिए। उन्हें 7 महीने तक विधान परिषद की कार्यवाही से दूर रखना सजा के तौर पर काफी होगा।

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आचार समिति की रिपोर्ट को केवल कार्रवाई की शर्तों के आधार पर कोर्ट ने रद्द किया। कोर्ट ने सुनील सिंह को विधानसभा की कार्यवाही में तत्काल प्रभाव से शामिल होने की इजाजत दी है।

कोर्ट ने फैसले में कहा कि मामला बिहार में असंसदीय आचरण और अपमानजनक भाषा के कारण एमएलसी के पद से याचिकाकर्ता के निष्कासन से संबंधित है। आचार समिति द्वारा निष्कासन की सिफारिश की गई थी। हमने अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर विचार किया, क्या आचार समिति का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है, क्या कदाचार के लिए दण्ड दिया जाना चाहिए, क्या न्यायालय दंड की मात्रा निर्धारित कर सकता है। विधानसभा के फैसले के मुद्दे पर विचार करने पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है।

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