चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) एक खगोलीय घटना है। इसका असर पृथ्वी पर रहने वाले जीवों पर पड़ता। इस बार साल का अंतिम चंद्रग्रहण लग रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन शरद पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस दिन वर्ष 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगने जा रहा है। पंचांग के अनुसार, 28 अक्टूबर के दिन शरद पूर्णिमा है।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) किस समय लगेगा
साल का दूसरा व आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगेगा। ऐसे में यह 29 अक्टूबर की सुबह 01 बजकर 05 मिनट पर प्रारंभ होगा और रात 02 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा।
भारत के अलावा इन देशों में नजर आएगा चंद्र ग्रहण: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के अलावा यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, हिंद महासागर, अंटार्कटिका व अटलांटिका महासागर में भी नजर आएगा।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) का सूतक काल
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पूर्व से मान्य होता है। भारत में नजर आने के कारण इस ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 05 मिनट से मान्य होगा।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) का किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विन नक्षत्र में लग रहा है। ग्रहण काल के दौरान मेष, वृषभ, कन्या और मकर राशि के जातकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। इस ग्रहण का मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को शुभ फल मिल सकता है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) में सूतक काल के नियम:
1. ग्रहण व सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए। मान्यता है कि वरना गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस दौरान गर्भवती महिला को तेजधार व नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2. ग्रहण व सूतक काल के दौरान दूध, दही व पानी आदि पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. ग्रहण और सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ की मनाही होती है।
4. ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
5. ग्रहण के दौरान किसी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।