वित्त वर्ष 2024-25 का बिगुल बज चुका है. सभी टैक्सपेयर योद्धा अपनी-अपनी इनकम रूपी शस्त्र के साथ ITR के रण में कुदने की तैयारी कर रहे हैं. अगर आप भी इस रण में कुदने का मन बना रहे हैं या बना चुके हैं तो आपको पहले यह जान लेना चाहिए कि इस चक्रव्यूह के कितने द्वार हैं और आपके लिए कौन सा बेस्ट होगा. अगर आप यह तरीका जाने बिना ही ITR फाइल करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है. ये भी हो सकता है कि आपको अधिक टैक्स देना पड़ जाए.
एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. ऐसे में टैक्सपेयर्स के पास अभी काफी समय है. जो पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो उन्हें आईटीआर के फॉर्म के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. खास कर आईटीआर फॉर्म 1 और आईटीआर फॉर्म 2 के बीच का अंतर जरूर मालूम होना चाहिए. इनकम टैक्स द्वारा टोटल 6 तरह के आईटीआर फॉर्म भरे जाते हैं. इन सभी की अलग अलग खासियत होती है, जिसमें से आम टैक्सपेयर्स के लिए ITR1, ITR2, ITR3 और ITR4 बेहद अहम होते हैं.
क्या है नुकसान?
क्योंकि गलती से अगर आपने ITR फॉर्म 1 की जगह आईटीआर फॉर्म 2 पर रिटर्न फाइल कर दिया तो आपके साथ समस्या खड़ी हो सकती है. आपका रिर्टन फाइल करने का काम पूरा नहीं होगा. ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से आपको नोटिस भी थमाया जा सकता है. आपसे इस नोटिस में सही फॉर्म का सिलेक्शन करने के लिए कहा जाएगा.
ITR फॉर्म-1
आईटीआर फॉर्म 1 को Simple फॉर्म भी कहा जाता है. नौकरी करने वाले ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आईटीआर फॉर्म-1 का इस्तेमाल करते हैं. यह सबसे ज्यादा फाइल किए जाने वाला फॉर्म है. आईटीआर फॉर्म-1 उन पर्सनल टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनकी इनकम का स्त्रोत वेतन, पेंशन, होम असेट्स और दूसरे सोर्सेज हैं.
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हालांकि, आईटीआर फॉर्म 1 फाइल करने के लिए कुछ खास शर्तें भी पूरी करनी होती हैं. जिन लोगों की इनकम 50 लाख रुपए से अधिक है वे फॉर्म 1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. साथ ही इनकम केवल होम असेट्स से होनी चाहिए. इसके अलावा एग्लीकल्चर इनकम 5 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए. यदि इनमें से एक शर्त भी पूरी नहीं होती है तो वह व्यक्ति फॉर्म-1 नहीं भर सकता है.
ITR फॉर्म-2
50 लाख रुपए से ज्यादा कमाई करने वाले लोग आईटीआर फॉर्म 2 का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या फाइनेंशियल ईय़र के दौरान नॉन-लिस्टेड इक्विटी शेयरों में इन्वेस्ट किया है तो आप आईटीआर फॉर्म-2 पर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. साथ ही जिनकी कैपिटल गेन्स से इनकम होती हो, जो एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से पैसे कमाते हों, जिन्हें विदेशों से कमाई होती हो या विदेशी संपत्ति के मालिक हों, वे भी आईटीआर फॉर्म- 2 पर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. हालांकि, इसमें भी सैलरी और पेंशन वाले लोग आते हैं.
ITR फॉर्म-3
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ITR फॉर्म-3 का इस्तेमाल सिर्फ वही लोग कर सकते हैं, जिनकी कमाई बिजनेस या किसी प्रोफेशन से होती हो. यदि आप छोटा सा भी बिजनेस करते हैं, तो आप आईटीआर फॉर्म-3 पर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इसके अलावा यदि आप फ्रीलांसर कलाकार और सलाहकार हैं, तो भी आईटीआर फॉर्म-3 का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ITR फॉर्म-4
आईटीआर फॉर्म-4 सुगम फॉर्म के नाम से फेमस है. जिस व्यक्ति के बिजनेस का टर्नओवर 50 लाख रुपए से अधिक और 2 करोड़ रुपए तक है, वह आईटीआर फॉर्म-4 का इस्तेमाल कर सकता है. वह आईटीआर फॉर्म-4 पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है.