पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) से कानून मंत्रालय वापस ले लिया है। कार्तिकेय सिंह को अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। आरजेडी विधायक कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) के खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था। इसके बाद से वे विवादों में थे। इसे लेकर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी।
शमीम अहमद बने कानून मंत्री
विवाद बढ़ने के बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) से कानून मंत्रालय वापस ले लिया है। हालांकि, कार्तिकेय सिंह अभी भी मंत्री बने रहेंगे। उनके पास अब गन्ना उद्योग मंत्रालय होगा। जबकि शमीम अहमद को गन्ना उद्योग की जगह अब विधि विभाग दे दिया गया है। हालांकि, विभाग बदलने को लेकर बीजेपी ने नीतीश कुमार पर एक बार फिर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि नीतीश उन्हें अपने मंत्रिमंडल से हटाने का साहस नहीं जुटा सके। यह पूरी कार्रवाई सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए की गई है।
कोर्ट ने जारी किया था वारंट
राजद विधायक कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज है, इसी को लेकर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने कोर्ट में सरेंडर तो नहीं किया और वे 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने पहुंच गए।
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उधर, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कार्तिकेय सिंह को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला था। मोदी ने कहा था कि जिन कानून मंत्री को कोर्ट में सरेंडर करना था, उन्हें राजभवन कैसे पहुंचा दिया गया। कार्तिकेय सिंह, बाहुबली अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं। सुशील मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार को ये सब रोकना चाहिए। कार्तिकेय के खिलाफ जो वारंट है, वह फर्जी कागज नहीं है। नीतीश कुमार लालू यादव की दया पर सीएम बने हैं। ये जो नए मंत्री बने हैं, इनमें कई लोग बाहुबली हैं। मोदी ने आरोप लगाया था कि कुछ दिनों में ये लोग बाहुबली मंत्री और नेताओं को क्लीनचिट दे देंगे। नीतीश कुमार को इन मंत्रियों को बर्खास्त करना चाहिए।
कोर्ट से मिली राहत
कार्तिकेय सिंह पर 2014 में यह मामला दर्ज किया गया था। कार्तिकेय सिंह को बिहटा थाना क्षेत्र के बिल्डर राजू सिंह के अपहरण में आरोपी बनाया गया था। इस मामले में अनंत सिंह भी आरोपी हैं। कोर्ट ने इस मामले में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ सरेंडर वारंट जारी किया था। लेकिन मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद कार्तिकेय सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने 12 अगस्त को सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी से 1 सितंबर 2022 तक रोक लगा दी थी।