जातिगत जनगणना को लेकर बिहार की राजनीति गर्माने लगी है। इसी मसले को लेकर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
इन नेताओं की मांग है कि देश में जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिए, जिससे पिछड़ी जातियों के विकास में तेज़ी लाई जा सके। कई दशकों से जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है, लेकिन अब एक बार फिर बिहार से ये आवाज फिर उठी है. कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी इसकी मांग की है।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बीजेपी की ओर से बिहार सरकार में मंत्री जनक राम, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से मंत्री मुकेश सहनी डेलिगेशन में शामिल हैं।
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पीएम मोदी से मुलाकात करने जा रहे डेलिगेशन में कांग्रेस की ओर से अजीत शर्मा, सीपीआई से सूर्यकांत पासवान, सीपीएम से अजय कुमार, सीपीआई माले से महबूब आलम और एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान भी शामिल हैं।
भाजपा के कई नेता भी कर रहे मांग
देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग अब भाजपा के अंदर भी उठने लगी है। कई नेता इसकी मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से आज होने वाली मुलाकात में भाजपा नेता व बिहार सरकार में मंत्री जनक राम भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक वह भी प्रधानमंत्री के सामने यह मांग उठाएंगे।