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जानें सावन के महीने में भोजपुर शिवलिंग के बारे में

धर्म डेस्क। सावन का महीना है और शिव भक्तों की बम बम भोले की बयार जारी है। अमूमन हर शहर, जिले, गांव में शिव मंदिर होते हैं जहां बील्व पत्र चढ़ा कर सावन में शिव अराधना की जाती है। ज्योतिर्लिंग और बड़े मंदिरों के बारे में भी हम सब जानते हैं, लेकिन हर शहर में कोई न कोई ऐसा मंदिर होता है, जिसका प्राचीनतम इतिहास होता है। उसकी अपनी ही प्रा-एतिहासिक भूमिका होती है।

ऐसा ही एक शिव मंदिर है, भोजपुर शिव मंदिर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे भोजपुर में ये शिवलिंग है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने एक रात में की थी। ये भोपाल से 32 किलोमीटर की दूरी पर है। कहा जाता है कि ये विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग है। इस मंदिर का शिवलिंग साढ़े सात फीट लम्बा और 17.8 फीट परिधि वाला है। पहाड़ी पर बने इस मंदिर के आस पास बड़ी बड़ी चट्टाने हैं. बारिश का पानी भर जाने पर पास में नौका विहार भी होता है।

दूर दराज से साधु संत और श्रद्धालु इस मंदिर में आते है। बड़ी संख्या में यहां बंदर भी हैं। मंदिर के बाहर कई प्रसाद की दुकाने भी है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण लोग यहां पर्यटन की दृष्टि से भी आते हैं। सावन में हर सोमवार और बाकि महीनों में शनिवार रविवार छुट्टी के दिन यहां भारी भीड़ रहती है।

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