Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

जानें अनंत चतुर्दशी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

anant chaturdashi

अनंत चतुर्दशी 2020

धर्म डेस्क। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। दरअसल भगवान विष्णु के 12 नाम में से एक अनंत है और इस दिन मध्याह्न के समय इनकी पूजा और व्रत करने का विधान है। इस बार यह व्रत 1 सिंतबर को मनाया जाएगा।

कहते हैं स्वयं श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने भी इस व्रत करके पुनः राजपाट पाया था। यह व्रत करके आप भी अपनी खोई हुई मान प्रतिष्ठा हासिल कर सकते हैं।

अनंत चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार इस दिन सुबह स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर  व्रत का संकल्प लें ।  पूजा के लिए घर की पूर्व दिशा में कोई स्थान  अच्छे से साफ करें, अब वहां पर कलश की स्थापना करें। फिर कलश के ऊपर कोई थाल या अन्य कोई बर्तन स्थापित करें।  उस बर्तन में कुश से बनी हुई भगवान अनन्त की मूर्ति  स्थापित करें , अब उसके आगे कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगा हुआ कच्चे सूत का चौदह गांठों वाला धागा रखें । इस धागे को अनन्ता  भी कहा जाता है। अब कुश से बने अनंक जी और चौदह गाठों वाले धागे की विधि-पूर्वक गंध, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करें। इसके बाद इस मंत्र को बोले

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।

अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।

पूजा के बाद अनंत देव का ध्यान करते हुए उस धागे को पुरुष अपने दाहिने हाथ और महिलाएं अपने बाएं हाथ की  बाजू पर बांध लें। दरअसल अनतं धागे की चौदह गांठे चौदह लोकों की प्रतीक मानी गई हैं। यह धागा अनंत फल देने वाला माना गया है । इसे धारण करने साधक का कल्याण होता है।

Exit mobile version