लालगंज (बलिया)| शिक्षक की नौकरी के महत्व व रोमांच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विभिन्न क्षेत्र की सरकारी नौकरी छोड़कर लोग मास्टर बनना पसंद कर रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र मुरलीछपरा के प्राथमिक विद्यालय बहुआरा नम्बर एक पर भी दो ऐसे नवनियुक्त शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण किया, जिनमें से एक लेखपाली छोड़कर आए हैं तो दूसरे ने पीएसी की नौकरी को अलविदा कह दिया है।
कार्यभार ग्रहण करने आए इन दोनों नवागत शिक्षकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इन दोनों शिक्षकों ने कहा कि बच्चों को पढ़ाकर उनके भविष्य को संवारने में जो सुकून व सम्मान है, वह अन्य किसी विभाग की नौकरी में नहीं है।
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गाजीपुर जनपद के मूल निवासी शशिकांत गुप्त बीते 8 वर्षों से गोरखपुर में लेखपाल की नौकरी कर रहे थे। उनका पूरा परिवार शिक्षा विभाग में कार्यरत है। लिहाजा वे खुद भी इसी पेशा में आने की कोशिश में लगे रहे। लेखपाल की नौकरी मिली तो काम शुरू कर दिया लेकिन मन शिक्षा विभाग में ही भटक रहा था। अंतत: 69 हजार की शिक्षक भर्ती में आवेदन किया और उन्हें सफलता मिल गयी।