नई दिल्ली| आरकॉम के लिए भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाली ऋणदाताओं की समिति ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि अगर कंपनी के स्पेक्ट्रम की बिक्री की अनुमति नहीं मिली तो यह दूरसंचार कंपनी परिसमापन में चली जाएगी और इससे किसी का भला नहीं होगा।
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न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम.आर शाह की पीठ से आरकॉम के लिए ऋणदाताओं की समिति और रिलायंस जिओ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि बैंक और दूरसंचार विभाग दोनों ही जनता के पैसे की अदायगी की मांग कर रहे हैं।
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करीब दो घंटे की सुनवाई के दौरान साल्वे ने पीठ से कहा कि दूरसंचार विभाग की सहमति के बगैर स्पेक्ट्रम बेचने का सवाल ही पैदा नहीं होता है और अगर समाधान केआवेदक कहते हैं कि योजना में स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल के अधिकार बेचना भी शामिल है तो यह दूरसंचार विभाग की मंजूरी से ही होगा।