JNU में तेंदुआ (Leopard) देखा गया है। अरावली गेस्ट हाउस के पास पहाड़ी क्षेत्र में एक व्यक्ति ने तेंदुए को देखा। तेंदुए को देखे जाने की घटना के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच हड़कंप मच गया है। वन विभाग ने पैरों के निशान देखकर इसकी पुष्टि की है। बचाव दल, जो फिलहाल यमुना बाढ़ राहत कार्यों में लगे हुए हैं, को यहां भेजने का अनुरोध किया गया है।
वो जल्द ही कैंपस पहुंचेंगे। तलाशी अभियान आज रात शुरू होने की संभावना है। तेंदुआ एक व्यक्ति को नजर आया, जो कावेरी के कमरा नंबर 15 में रहता है। उसका नाम दीप्तांशु है। दीप्तांशु पिछले 5 सालों से एक बचावकर्ता/फीडर है। दीप्तांशु जंगली इलाकों में रहा है और जानवरों में अंतर कर सकता है। उसने तेंदुए (Leopard) को देखे जाने की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी।
इसके बाद विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी मौके पर गए और हाल देखा। फिर वन विभाग को इस बारे में सूचित किया गया। दीप्तांशु ने बताया कि सभी बिल्लियां और कुत्ते रात में छिपे रहते थे। वो सुबह बाहर निकलते समय भी बहुत डरे हुए होते थे। वन विभाग की एक छोटी टीम ने तेंदुए (Leopard) के पैरों के निशान देखे, जिसके बाद वन विभाग ने तेंदुआ के आने की पुष्टि कर दी।
पुष्टि होने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से अनौपचारिक रूप से छात्रों के लिए एक सामान्य सुरक्षा संबंधी अलर्ट जारी कर दिया गया। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें (ऊंची मंजिलों पर भी)। समूहों में घूमें।
सार्वजनिक क्षेत्रों की लाइटें जलाए रखें। बाथरूम आदि के दरवाजे बंद रखें। कावेरी, पेरियार और गोदावरी छात्रावासों में गश्त करें, जहां दिव्यांग छात्र रहते हैं। स्टेडियम और यमुना किनारे अतिरिक्त सतर्कता बरतें।