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आइये देखें धूम्रपान को लेकर लोगों के मन में क्या है मिथक

no smoking day

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नई दिल्ली। लोगों को धूम्रपान (smoking) की लत छोड़ने के लिए प्रेरित करना ही नो स्मोकिंग डे (no smoking day) का लक्ष्य है। यह दिन देश में हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है। इस साल यह 9 मार्च को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं धूम्रपान (smoking) से जुड़े कुछ ऐसे मिथक जो आपको इस लत में फंसाए रख सकते हैं।

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  1. मिथक: स्मोकिंग (smoking)छोड़ने पर वजन बढ़ सकता है।

फैक्ट: स्मोकिंग (smoking)की आदत से छुटकारा पाने का साइड इफेक्ट वजन बढ़ना हो सकता है, लेकिन इसे कम करना आसान होता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, स्मोकिंग छोड़ने के बाद इंसान औसतन 2 से 4 किलो वजन बढ़ा सकता है, जो कि स्मोकिंग (smoking)के नुकसानों के सामने कुछ नहीं है।

  1. मिथक: स्मोकिंग(smoking) छोड़ने पर डिप्रेशन हो सकता है।

फैक्ट: यह पूरी तरह गलत है। सच्चाई इसके उलट है। जो लोग डिप्रेशन की बीमारी के शिकार होते हैं, बाद में उन्हीं को स्मोकिंग की लत लग जाती है। अमेरिकी डॉ. रॉबर्ट गार्डनर कहते हैं कि जो लोग डिप्रेशन से पीड़ित होते हैं और धूम्रपान करना छोड़ते हैं, उनमें डिप्रेशन के लक्षण ज्यादा उभरने लगते हैं। हालांकि सही दवा और काउंसिलिंग के जरिए इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

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  1. मिथक: धूम्रपान न करने से आपके दोस्त दूर हो जाएंगे।

फैक्ट: स्मोकिंग (smoking) करने वाले लोगों को लगता है कि ये आदत छोड़ने पर उनके दूसरे स्मोकिंग (smoking) फ्रेंड्स उनसे दूर हो जाएंगे। ऐसा नहीं है। आपके धूम्रपान न करने से आपके दोस्तों को भी प्रेरणा मिलेगी। जब आप उन्हें स्मोकिंग (smoking) छोड़ने की वजह बताएंगे, तब हो सकता है कि उन्हें भी यह आदत छोड़ने का मन करे।

  1. मिथक: धूम्रपान (smoking) न करने से आप बीमार हो जाएंगे।

फैक्ट: कुछ लोगों को ये डर लगता है कि धूम्रपान (smoking) की आदत छोड़ने से उन्हें खांसी, सर्दी और जुकाम जैसे लक्षण आने लगेंगे। यह कुछ शॉर्ट टर्म साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दुनिया में हर साल धूम्रपान से 70 लाख लोगों की मौत होती है। इसलिए आदत छोड़कर अगर कुछ दिन के लिए बीमार हुए भी तो भी मौत के खतरे से तो बाहर निकल ही जाएंगे।

  1. मिथक: स्मोकिंग(smoking)  छोड़ने पर क्रिएटिविटी कम हो जाएगी।

फैक्ट: कुछ लोगों का मानना है कि स्मोकिंग (smoking) से उनका दिमाग नए-नए आइडिया लाता है। ऐसा नहीं है। जबकि स्मोकिंग छोड़ने पर लोगों की क्रीएटिविटी बढ़ जाती है। उन्हें काम के बीच में स्मोकिंग करने नहीं जाना पड़ता।

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  1. मिथक: धूम्रपान (smoking) की आदत छोड़ने के लिए देर हो चुकी है।

फैक्ट: ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’। सिगरेट पीने वाले इस मुहावरे का सहारा लेकर स्मोकिंग (smoking) की आदत से छुटकारा पाने की बात को बंद कर देते हैं। वे धूम्रपान (smoking) से छुटकारा पाना तो चाहते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि शरीर को जितना डैमेज होना था वो पहले ही हो चुका। आपको बता दें कि दिल पर दबाव और ब्रोंकाइटिस जैसी शारीरिक समस्याएं स्मोकिंग के दौरान ही होती हैं। इसलिए धूम्रपान(smoking)  छोड़ने के लिए कभी देर नहीं होती।

साथ ही अगर आप पहले से किसी बीमारी के शिकार हैं तो स्मोकिंग (smoking) छोड़ने से आपको फायदा होगा। आपको जब ये एहसास हो तब स्मोकिंग छोड़ें।

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