लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आगामी नवम्बर में उत्तर प्रदेश से खाली हो रही राज्यसभा की नौ सीटों पर राज्य के लोगों को ही भेजे जाने की मांग की है और इसके लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। राज्य की नौ राज्यसभा सीटों पर आगामी नवम्बर में द्विवार्षिक चुनाव होने हैं।
विधानसभा की वर्तमान स्थिति को देखते हुये भारतीय जनता पार्टी का कम से कम सात सीट जीतना तय है। एक सीट समाजवादी पार्टी को तथा अन्य सीट विपक्षी अगर एक हुये तो उनको मिल सकती है। उनका एक होना जरूरी है, नहीं तो भाजपा एक सीट और जीत ले जायेगी।
दिल्ली कैपिटल्स के सपोर्ट स्टाफ के एक सदस्य की कोरोना जांच पॉजिटिव
भाकपा के सचिव अतुल कुमार अंजान ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश 23 करोड़ की आबादी वाला राज्य है। इसके सवाल, इसकी समस्याओं पर जिस गंभीरता से राज्यसभा में चर्चा होनी चाहिये, उसका नितांत अभाव दिखता है। पिछले दो दशक से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में बाहर के राज्य के नेताओं को भेजा जाता रहा है जो प्रदेश के हितों को छोड़ बाकी काम में सक्रिय हैं।
श्री अंजान ने कहा कि राज्यसभा राज्यों के एवं उसके हितों के व्यापक प्रतिनिधित्व के लिये बनाई गई थी। कांग्रेस ने सबसे पहले इसका दुरूपयोग शुरू किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तीन बार दूसरे राज्य से राज्यसभा में चुन कर भेजा गया। उन राज्यों से मनमोहन सिंह का कोई सम्बन्ध नहीं रहा।
एसएससी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए आज आवेदन का अंतिम दिन
उन्होंने कहा कि इस बात की जोरदार चर्चा कि भाजपा दूसरे राज्य के नेताओं को उत्तर प्रदेश से चुनकर भेजेगी। श्री अंजान ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में अनुरोध किया है कि वो इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करें और उत्तर प्रदेश के नेताओं को ही राज्यसभा भेजें।