उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अपर जिला जज प्रथम रमेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने पत्नी व तीन बेटियों को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारने के आरोपी युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अभियुक्त पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन के अनुसार पूरामुफ्ती कोतवाली के बिहका निवासी शिवसरन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके बेटे कंचन का बहू गौरी से चरित्र को लेकर विवाद होता रहता था। 18 मार्च 2016 की रात कंचन ने अपनी पत्नी गौरी देवी, बेटी तरना, तन्नो व तिरसा पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। दिल दहला देने वाली इस वारदात में तीनों बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि पत्नी गौरी ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया था।
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हत्यारोपी कंचन को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज प्रथम रमेश कुमार यादव की अदालत में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनुरुद्ध कुमार ने 12 गवाहों को पेश किया। दोनों पक्षों की बहस व पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।
पत्नी व तीन बेटियों की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने आरोपी के बुजुर्ग मां-बाप का भी ख्याल रखा। कोर्ट ने जुमार्ने के दो लाख रुपये में से आधी रकम कंचन के माता-पिता व आधी रकम राज्य सरकार के पक्ष में जमा करने का आदेश दिया है।