जौनपुर में प्रेम विवाह से नाराज होकर षड्यंत्र कर गर्भवती पुत्री की हत्या कराने के मामले में जिले के अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र शुक्ल ने हत्यारे पिता पूर्व प्रधान समेत चार आरोपितों को आजीवन कारावास व प्रत्येक को 80-80 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
अर्थदंड की कुल धनराशि में से 1.20 लाख रुपये मृतका के पति वादी मुकदमा को देने का आदेश हुआ। सूत्रों के अनुसार मृतका के पति संदीप कुमार यादव निवासी गांव खानपुर थाना खुटहन ने घटना की एफआइआर थाने में दर्ज कराई थी, कि 18 अगस्त 2017 को शाम 7.20 बजे वादी की बहन ने उसे फोन किया कि जल्दी घर चले आइए। यहां पर खेत में अंकिता भाभी को मार दिए हैं। भागकर वहां पहुंचा तो अंकिता जमीन पर गिरी थी और काफी लोग वहां मौजूद थे।
बहन शशि ने बताया कि वह और भाभी शौच करके वापस आ रही थीं। तभी तीन लोग आ गए। उसका मुंह बंद कर चुप रहने को कहा। अंकिता को जमीन पर गिरा कर किसी औजार से उनका गला काट दिए। उसने पकड़ने की कोशिश की तो उसमें से एक का मोबाइल फोन मौके पर गिर गया। मारने वालों में टार्च की रोशनी में बहन शशि ने लालचंद यादव निवासी खानपुर को देखा दूसरा व्यक्ति सफेद रंग का कपड़ा पहना था और तीसरा काला रंग का कपड़ा पहना था।
शशि के शोर पर कई महिलाएं वहां पहुंच गईं। अंकिता को चारपाई पर लादकर सड़क पर ले आए। वहां से खुटहन अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अंकिता के अलावा उसके गर्भ में पल रहे शिशु की भी मृत्यु हो गई। अंकिता गांव के पूर्व प्रधान राम आसरे यादव की पुत्री है और वह वादी के साथ 15 मई 2017 को मंदिर में अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध प्रेम विवाह करके उसके साथ रह रही थी। इससे राम आसरे नाराज था। उसे विश्वास है कि राम आसरे ने साजिश रच कर लालचंद व दो अन्य से उसकी पत्नी की हत्या कराया है।
पुलिस विवेचना में दो अन्य आरोपित प्रमोद कुमार व कन्हैया लाल का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद चारों आरोपियों पूर्व प्रधान राम आसरे यादव, लाल चन्द् , प्रमोद कुमार व कन्हैया लाल को हत्या का षड्यंत्र व गर्भपात का दोषी पाते हुए सजा सुनाई। अदालत ने चारों आरोपितों को सजा भुगतने के लिए पुलिस सुरक्षा में जेल भेज दिया।