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27 साल पुराने अपहरण के मामले में दोषी को उम्रकैद

Life Imprisonment

life imprisonment

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद की एक अदालत ने 27 साल पहले फिरौती के लिये मालिक के मासूम पुत्र का अपहरण करने वाले नौकर को दोषी पाते हुये उसे आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा एवं 20 हजार रूपये अर्थदण्ड़ की सजा सुनायी है।

अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि नगर क्षेत्र के थाना दक्षिण में नौ जून 1995 को संजय मित्तल ने तहरीर दी कि उनके पुत्र गर्वित मित्तल (5) को उसका नौकर हरीश चन्द्र फर्रूखाबाद ले गया था। अभी तक उसका लड़का व नौकर का कोई पता नही चला है। उसके घर पर कई बार टेलीफोन द्वारा सूचना आयी कि वह अपने बेटे को वापस लेना चाहता है तो पांच लाख रूपये तैयार कर ले यदि रूपया नही दे सका तो उसे अपने लड़के से हाथ धोना पड़ेगा।

पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर आरोपी नौकर हरीश चन्द्र के खिलाफ फिरौती के लिये अपहरण किये जाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने उसी दिन यानी नौ जून को गर्वित मित्तल को बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने जांचोपरांत नौकर हरीश चन्द्र, रामनरेश उर्फ पप्पू, रामकिशन, रामसिंह, सत्यपाल, सुरेश व राजवीर के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।

मामला सुनवाई एवं निस्तारण हेतु अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र कोर्ट संख्या-11 रवीन्द्र कुमार तृतीय के न्यायालय में पहुंचा जहां अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी नरेन्द्र कुमार राठौर ने करते हुये दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिये सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय की तामील दलीलों को रखा।

कोर्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं गबाहों की गवाही के आधार पर मंगलवार को हरीशचन्द्र को दोषी पाते हुये उसे आजीवन कारावास की सजा एवं 20 हजार रूपये के अर्थदण्ड़ से दण्ड़ित किया है जवकि कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में अन्य आरोपितों को दोषमुक्त किया है।

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