मुजफ्फरनगर। जिले की एक अदालत ने 13 साल पहले हुई हत्या (murder)के एक मामले में दोषी पाये गए दो सगे भाइयों को उम्रकैद (life imprisonment) की सजा सुनाई है। उन पर जुर्माना भी लगाया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने शनिवार को बताया कि नगर कोतवाली के ग्राम सूजडू निवासी वादी नासिर ने 08 सितंबर 2008 को मुकदमा दर्ज कराया था। वह अपने बेटे आबाद के साथ रात्रि लगभग दस बजे गांव की मस्जिद से नमाज पढ़कर लौट रहे थे। जब वह पड़ोसी युवक आसाफ उर्फ बच्ची के मकान के पास पहुंचे तो वहां पहले से ही घात लगाये बैठे अभियुक्त शेर अली पुत्र कय्यूम, सुहेल, हसीन, बाबर पुत्रगण शेर अली ने बेटे आबाद की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्या की वजह पुराने मुकदमे की रंजिश थी।
इस मुकदमें की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय सिंह पुंडीर की अदालत संख्या एक में हुई। इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्यागी ने आठ लोगों की गवाही कराते हुए अपनी दलीलें एवं सबूत पेश किये। वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार शर्मा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज ठाकुर एवं ललित कुमार ने उनका सहयोग किया।
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें और सबूतों के साथ गवाहों के बयानात पर गौर करते हुए अभियुक्त सुहेल एवं हसीन को धारा 302/34/120 बी के तहत उम्रकैद और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना, धारा 307 के तहत 7-7 वर्ष का कारावास एवं 20-20 हजार रुपये जुर्माना, धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत 7-7 वर्ष का कारावास एवं 2-2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अभियुक्त शेर अली की सुनवाई के दौरान मौत हो गयी और सह अभियुक्त बाबर के घटना के समय नाबालिग होने के कारण उसका मुकदमा किशोर न्यायालय में लम्बित है।