भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने पशुधन घोटाला मामले में वांछित सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार मिश्रा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उमेश कुमार मिश्रा द्वारा आत्मसर्पण करने के पश्चात विशेष अदालत ने यह आदेश दिया।
विशेष अदालत ने 17 मार्च को इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई से पहले की नोटिस जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद 24 मार्च को हाईकोर्ट से भी अभियुक्त की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी। दरअसल, 13 जून, 2020 को पशुधन घोटाला
मामले की एफआईआर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी। एफआईआर में उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था। अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर कुल नौ करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की ठगी का आरोप है।
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इस मामले में ठगी की कुछ रकम उमेश कुमार मिश्रा की पुत्री के बैंक एकाउंट में जमा कराए गए थे। अभियोजन पक्ष का कहना है कि अभियुक्त की इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका थी। वह सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात था। उसने अपनी बेटी के बैंक खाते में मामले से सम्बंधित रकम भी मंगाई थी।
अभियुक्त आशीष राय से वर्तमान अभियुक्त की घोटाले के सम्बंध में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी होने की बात भी अभियोजन की ओर से कही जा चुकी है।