पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने शुक्रवार को बिहार में नीतिश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के संकेत दिए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने यह निर्णय वरिष्ठ जदयू नेता ललन सिंह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाने के बाद लिया है।
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हालांकि यह समर्थन वापसी महज सांकेतिक मानी जा सकती है, क्योंकि 243 सदस्यों की बिहार विधानसभा में लोजपा के महज 2 विधायक हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।
सूत्रों का कहना है कि इस दौरान दोनों नेताओं के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान चिराग ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की तरफ से उनके दल को खास तवज्जो नहीं दिए जाने का मुद्दा भी उठाया था। सूत्रों के मुताबिक, नीतिश की सरकार के साथ बने रहने या पीछे हटने के मुद्दे पर फैसला करने के लिए चिराग ने शनिवार को पटना के लोजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
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बता दें कि ललन सिंह ने हाल ही में पासवान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो कालिदास की तरह पेड़ की उसी शाखा को काट रहे हैं, जिस पर वह बैठे हैं। लोजपा का कहना है कि ललन सिंह ने इस कमेंट के जरिये पासवान के उस ट्वीट को निशाना बनाया है, जिसमें वे नीतिश कुमार समेत कई मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 टेस्ट में तेजी लाने की अपील करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं। एक लोजपा नेता ने कहा, ललन सिंह ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है। इसके विरोध में हम नीतीश कुमार की सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं।