नई दिल्ली| कोरोना संकट में वेतन कटौती, छंटनी और अन्य तरह की वित्तीय परेशानियां बढ़ गई हैं। इस अवसर पर बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) पर्सनल लोन के लिए आकर्षक पेशकश कर रही हैं। लेकिन आपके पास जीवन बीमा पॉलिसी है तो उसके बदले कर्ज लेना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। जीवन बीमा पॉलिसी के बदले आसानी से कर्ज मिलता ही है। साथ ही आपको पर्सनल लोन के मुकाबले कम ब्याज चुकाना पड़ता है। बीमा कंपनियों के अलावा बैंक और एनबीएफसी पॉलिसी के बदले कर्ज देते हैं।
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बीमा पॉलिसी के बदले कर्ज की राशि पॉलिसी के प्रकार और उसकी सरेंडर वैल्यू पर तय होती है। सामान्यतः कर्ज की राशि पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू का 80 से 90 फीसदी तक हो सकती है। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें होती हैं। इतना कर्ज आपको उसी स्थिति में मिलेगा जब आपके पास मनी बैक या एंडाउमेंट पॉलिसी है। कुछ बीमा कंपनियां कर्ज की रकम तय करने के लिए यह देखती हैं कि आपने कितना प्रीमियम चुकाया है। ऐसे में वह चुकाए गए प्रीमियम का 50 फीसदी तक कर्ज देने को तैयार होती हैं।
बीमा पॉलिसी को पूरी अवधि तक चलाने से पहले पॉलिसी बीच में खत्म करने (सरेंडर करने) पर आपको प्रीमियम के तौर पर चुकाई गई रकम का कुछ हिस्सा वापस मिल जाता है। इसमें से शुल्क काट लिए जाते हैं। यही राशि सरेंडर वैल्यू कहलाती है। सामान्य तौर पर सरेंडर वैल्यू पॉलिसी अवधि के अनुसार चुकाए गए प्रीमियम का 40 से 60 फीसदी तक होती है।
बीमा पॉलिसी पर कर्ज के लिए ज्यादा दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है। इसमें आवेदन फार्म के साथ आपको जीवन बीमा पॉलिसी के सभी जरूरी मूल दस्तावेज जमा करने होते हैं। कर्ज की राशि प्राप्त करने के लिए एक कैंसिल चेक आवेदन फार्म के साथ लगाना होगा। यह चेक नाम, खाता संख्या और आईएफसी कोड की सही जांच के लिए लगाया जाता है। बीमा पॉलिसी के बदले कर्ज लेने पर एक अनुबंध पत्र पर भी हस्ताक्षर करना होता है।
जीवन बीमा कंपनी एलआईसी भी अपने ग्राहकों को पॉलिसी के बदले कर्ज की सुविधा दे रही है। इसमें ब्याज दर सिर्फ नौ फीसदी है। इसके लिए आप ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि यह कर्ज आपको चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि, पॉलिसी मैच्योर होने पर कर्ज की राशि कंपनी काट लेगी और बचे हुए पैसे आपको वापस कर दिए जाएंगे। ऐसे में आपको सिर्फ कर्ज का ब्याज चुकाना होगा।
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ये हैं फायदे
- बीमा पॉलिसी पर कर्ज पर्सनल लोन से सस्ता
- 9 फीसदी ब्याज पर पॉलिसी के बदले कर्ज दे रही एलआईसी
- 10 फीसदी से अधिक ब्याज पर पर्सनल लोन दे रहे बैंक
- 90 फीसदी तक सरेंडर वैल्यू का कर्ज बीमा पॉलिसी पर