नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित लोन मोरेटोरियम अवधि 31 अगस्त को खत्म होने वाली है। कोरोना संकट के कारण वेतन में कटौती और नौकरी गंवाने से मध्यमवर्ग के लिए यह एक और बड़ा झटका है। बैंकिंग सेक्टर इसे आगे बढ़ाना नहीं चाहता। ऐसे में एक सितंबर से EMI चुकाने वाले ग्राहकों को जेब पर झटका लगता है।
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मोरेटोरियम खत्म करने का सबसे बुरा असर आम आदमी या मध्यमवर्ग पर पड़ेगा। कोरोना संकट के कारण अभी भी विमानन, पर्यटन, हास्पटैलटी, मॉल, रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। इन सेक्टर में काम करने वाले लाखों लोग ने अपनी नौकरी गंवाई हैं।
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आम आदमी के साथ ही कारोबारी दिक्कतें भी पैदा होंगी।कई सेक्टर अपनी क्षमता का 50 फीसदी का ही इस्तेमाल कर पा रहे हैं। वहीं, होटल, पर्यटन, सिनेमा जैसे क्षेत्र पूरी तरह से बंद हैं। जो सेक्टर काम भी कर रहे हैं वह मांग में कमी से मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं। ऐसे में उद्योग जगत को लोन की ईएमआई चुकाना मुश्किल होगा। उद्योग में दिवालिया होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।