यूपी में लॉकडाउन 24 मई तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। बता दें कि अभी जारी लॉकडाउन 17 मई सुबह सात बजे तक प्रभावी है।
दरअसल, प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या कम हो रही है साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है पर गांवों में फैल रहा संक्रमण सरकार के लिए चिंता का सबब बन गया है इसलिए सरकार कोई मौका नहीं लेना चाहती है। हालांकि, लॉकडाउन बढ़ाने के संबंध में अभी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है पर सूत्रों के अनुसार, सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। जब पंचायत चुनाव चल रहा था उस समय प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या 90 हजार पार कर गई थी। यह संख्या अब 51 हजार से कम हो गई है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, 11 मई तक प्रदेश में 51284 कंटेनमेंट जोन थे।
ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली की नीति आयोग ने की सराहना : योगी
कंटेनमेंट जोन पर निगरानी रखने के लिए 37812 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। हालांकि, पंचायत चुनाव होने से 90 हजार कंटेनमेंट जोन पर 30 हजार पुलिसकर्मी ही तैनात थे। अब कंटेनमेंट जोन की संख्या घटी है और पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है। इसका सकारात्मक असर हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रदेश में जांच का दायरा बढ़ाने का आदेश दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि शहर से लेकर गांव तक जांच करते रहने से वायरस की चेन नहीं बनने पाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि वर्तमान में 97,000 से अधिक राजस्व गांवों में वृहद टेस्टिंग अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा नीति आयोग ने भी हमारे इस अभियान की सराहना की है।
ब्लैक फंगस के बढ़ते संक्रमण को लेकर योगी सरकार ने जारी की एडवाइजरी
हर लक्षणयुक्त/संदिग्ध व्यक्ति की एंटीजन जांच की जाए। आरआरटी टीम की संख्या बढ़ाई जाए। कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। प्रत्येक जिले के लिए सचिव अथवा इससे ऊपर स्तर के एक-एक अधिकारी को नामित किया जाए। जबकि न्याय पंचायत स्तर पर जनपद स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाए।