नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसानों की समस्या और महंगाई के मुद्दे पर बुधवार को जमकर हंगामा किया है। जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया है।
पीठासीन अधिकारी मीनाक्षी लेखी ने दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न ढाई बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचो-बीच आ गये और नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबे के बीच उन्होंने बजट 2021-22 के तहत रेल मंत्रालय के अधीन अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राम कृपाल यादव का नाम लिया। इसी बीच, सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि किसानों का मुद्दा महत्वपूर्ण है और इस चर्चा होनी चाहिए। पीठासीन अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस तथा अन्य दल चर्चा नहीं चाहते हैं और उन्होंने हंगामा करने का विकल्प चुना है तो फिर चर्चा कैसे की जा सकती है?
श्री चौधरी कुछ कहते कि इसी बीच राम कृपाल यादव ने कांग्रेस की स्थिति को लेकर कुछ बोला जिससे दोनों के बीच तकरार हाे गयी, लेकिन श्रीमती लेखी ने तीखे स्वर में श्री यादव को सिर्फ रेल बजट पर ही अपनी बात कहने की हिदायत दी। श्री यादव शोर-शराबे के बीच अपनी बात कहते रहे ,लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा जिसे देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।
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सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही श्री चौधरी ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार उनकी बात नहीं सुन रही। अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी दलों के सदस्य किसी भी मुद्दे पर चर्चा का नोटिस दें तो वह चर्चा की अनुमति देने को तैयार हैं लेकिन प्रश्न काल को बाधित न करें। श्री बिरला की अपील को नज़रंदाज़ करते हुए विपक्षी सदस्य सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे।
श्री बिरला ने सभी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “आप जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपका व्यवहार अमर्यादित और अनुचित है। आप किसी तरह के संवाद की बजाय सदन में व्यवधान पैदा करते हैं और लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था की गरिमा को चोट पहुंचाते हैं। इसके बाद भी विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करते रहे जिसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने फिर हंगामा कर दिया लेकिन पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने हंगामे के बीच ही शून्य काल आरंभ कर दिया जिसमें कई सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाए।
शून्यकाल में कुछ मुद्दे रखे जाने के बाद राज्य सभा से पारित राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2021 को सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। इसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2020 के स्थान पर लाया गया है।