• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

भगवान कृष्ण को प्रिय हैं बांसुरी और मोरपंख के साथ ये सभी चीजें

Desk by Desk
11/08/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली, राष्ट्रीय
0
जन्माष्टमी

जन्माष्टमी

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

धर्म डेस्क। जन्माष्टमी का उत्सव योगेश्वर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण भारतीय जनमानस के ऐसे नायक हैं जिनका चरित्र दार्शनिक होने के साथ-साथ बहुत ही व्यवहारिक है। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण अपने साथ ऐसी चीजें रखते है जो जनसाधारण के लिए कुछ न कुछ सन्देश अवश्य देती हैं।

बांसुरी

भगवान श्री कृष्ण हर पल बांसुरी को अपने साथ रखते थे। प्रेम और शांति का संदेश देने वाली बांस की बांसुरी उनकी शक्ति थी। बांसुरी सम्मोहन, ख़ुशी व आकर्षण का प्रतीक मानी गई है। हर कोई इसकी मधुर धुन से आकर्षित हो जाता है। बांसुरी बजाने पर उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है एवं वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,मन में आनंद की अनुभूति होती है। बांसुरी भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है, क्योंकि बांसुरी में तीन गुण हैं। पहला बांसुरी में गांठ नहीं है। जो इस बात की ओर इशारा करती है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो मतलब मन में बदले की भावना मत रखो। दूसरा बिना बजाये यह बजती नहीं है, मानो यह समझा रही है कि जब तक न कहा जाए तब तक मत बोलो। तीसरा जब भी बजती है मधुर ही बजती है। जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो,जो भी बोलो मीठा ही बोलो। जब ऐसे गुण किसी में श्री कृष्ण देखते हैं, तो उसे उठाकर अपने हृदय से लगा लेते हैं।

गाय

गाय,भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है,इसका कारण यह है कि गौ पृथ्वी का प्रतीक है,गौ माता में सभी देवी-देवता विद्धमान रहते है,सभी वेद भी गौओं में  प्रतिष्ठित है।गाय से प्राप्त सभी घटकों में जैसे दूध,घी,गोबर अथवा गौमूत्र में सभी देवताओं के तत्व संग्रहित रहते हैं। गाय सब कार्यों में उदार तथा समस्त गुणों की खान है। गाय का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी, इन्हें पंचगव्य कहते हैं। मान्यता है कि इनका सेवन कर लेने से शरीर के भीतर पाप नहीं ठहरता। जो गौ की एक बार प्रदक्षिणा करके उसे प्रणाम करता है। वह सब पापों से मुक्त होकर अक्षय स्वर्ग का सुख भोगता है।

मोरपंख

शास्त्रों में मोर को चिर-ब्रह्मचर्य युक्त जीव समझा जाता है। अतः प्रेम में ब्रह्मचर्य की महान भावना को समाहित करने के प्रतीक रूप में कृष्ण मोरपंख धारण करते हैं। मोर मुकुट का गहरा रंग दुख और कठिनाइयों, हल्का रंग सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष और वास्तु में मोरपंख को सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना गया है। इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा तो आती ही है,ग्रहदोष भी शांत हो जाते हैं। मोरपंख में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।

कमल

भगवान श्री कृष्ण को कमल का पुष्प अतिप्रिय है। कमल कीचड़ में उगता है और उससे ही पोषण लेता है। लेकिन हमेशा कीचड़ से अलग ही रहता है। इसलिए कमल पवित्रता का प्रतीक है। इसकी सुंदरता और सुगंध सभी का मन मोहने वाली होती है। साथ ही कमल यह संदेश देता है कि हमें कैसे जीना चाहिए,सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन किस प्रकार जिया जाए कमल का फूल हमें इसका सरल तरीका बताता है।

माखन मिश्री

माखन चोर कहलाने वाले कान्हा को माखन मिश्री बहुत ही प्रिय है। मिश्री का एक महत्वपूर्ण गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है, तो उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है। माखन के प्रत्येक हिस्से में मिश्री की मिठास समा जाती है। मिश्री युक्त माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है। यह बताता है कि प्रेम में किस प्रकार से घुल मिल जाना चाहिए।

वैजयंती माला

भगवान कृष्ण का रूप अत्यंत दिव्य है उनके गले में वैजयंती माला सुशोभित है,जो कमल के बीजों से बनी हैं। दरअसल, कमल के बीज बहुत सख्त होते हैं। कभी टूटते नहीं, सड़ते नहीं, हमेशा चमकदार बने रहते हैं। इसका तात्पर्य है, जब तक जीवन है, तब तक ऐसे रहो जिससे तुम्हें देखकर कोई दुखी न हो।दूसरा यह माला बीज है, जिसकी मंजिल होती है भूमि।इस माला के माध्यम से श्री कृष्ण सन्देश देते हैं,कि जमीन से जुड़े रहो, कितने भी बड़े क्यों न बन जाओ। हमेशा अपने अस्तित्व की असलियत के नजदीक रहो,अहंकार से दूर रहो।

Tags: janmashtamijanmashtami 2020janmashtami date 2020janmashtami kab ki haiKrishna JanmashtamiKrishna Janmashtami 2020krishna janmashtami 2020 in hindiजन्माष्टमी 2020
Previous Post

जन्माष्टमी पर चरणामृत बनाने का ये है सही तरीका

Next Post

होटलों में विधायकों पर किये खर्च का हिसाब जनता को देना चाहिए : पूनियां

Desk

Desk

Related Posts

Azam Khan
Main Slider

मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन अब तो… आजम खान का छलका दर्द

03/10/2025
Idli Chaat
Main Slider

यह डिश नाश्ते में लगा देगी चार चांद, रोज होगी बनाने की डिमांड

03/10/2025
potato momos
खाना-खजाना

इस डिश का नाम सुनते ही खुशी के मारे उछलने लगेंगे बच्चे, बनाना भी है बेहद आसान

03/10/2025
Dosa
खाना-खजाना

सबका मन मोह लेगी ये डिश, फिर इसके लिए हमेशा रहेंगे तैयार

03/10/2025
chutney
खाना-खजाना

बोरिंग लंच-डिनर को टेस्टी बना देगी ये चटनी, नोट करें रेसिपी

03/10/2025
Next Post
डाॅ. सतीश पूनियां

होटलों में विधायकों पर किये खर्च का हिसाब जनता को देना चाहिए : पूनियां

यह भी पढ़ें

जेएनयू में 18 नवंबर को वर्चुअल दीक्षांत समारोह

17/11/2020
CM Model Composite School

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहा सीएम मॉडल कम्पोजिट विद्यालय का निर्माण

06/09/2024
Swatantradev

सपा बसपा ने कभी नहीं सोचा किसानो का भला : स्वतंत्रदेव

23/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version