मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है। यहां की मिट्टी में ही उन्होंने बाल रूप में कई मनमोहक लीलाएं रचाई हैं। मथुरा भगवान कृष्ण के कई मनमोहक मंदिर हैं। मथुरा दिल्ली से 150 किलोमीटर है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भक्त यहां भगवान के चरणों की धूल लेने और यहां के मंदिरों का दर्शन करने आते हैं। आज हम आपको बता रहें कि मथुरा आने पर आप कहां-कहां घूम सकते हैं।
भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में जिस कारागार में बाल गोपाल का जन्म हुआ था वहां एक मंदिर मौजूद है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में भगवान कृष्ण की चार मीटर ऊंची शुद्ध सोने की मूर्ति थी। इस मूर्ति को आक्रांता महमूद गजनवी चुरा कर ले गया था।
द्वारकाधीश मंदिर में करें दर्शन
द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण 1814 में हुआ था। यह मंदिर विश्राम घाट के करीब है। यहां आपको भगवान कृष्ण और इनकी लीलाओं का वर्णन करती हुई कई मूर्तियां मिलेंगी।
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गोवर्धन पर्वत की करें परिक्रमा
ब्रज की मान्यताओं के अनुसार, जब ब्रज में इंद्र ने खूब वर्षा की तो ब्रजवासियों को शरण देने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर धारण किया था। तभी से श्रद्धालु इस पर्वत की परिक्रमा जरूर लगाते हैं।
बांके बिहारी मंदिर में देखें भगवान का सुन्दर रूप
बांके बिहारी मंदिर मथुरा के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण का श्रृंगार फूलों से किया जाता है। यह राधा वल्लभ मंदिर के निकट स्थित है। इस मंदिर के अंदर आपको भगवान कृष्ण की काले रंग की मूर्ति मिलेगी। फूलों की खुशबू से दर्शन करने वालों का रोम रोम पुलकित हो जाता है।
कंस किला
भगवान कृष्ण के मामा कंस का किला भी काफी प्रसिद्ध है। इस किले का निर्माण जयपुर के महाराजा मानसिंह ने करवाया था। यह किला यमुना नदी के किनारे है। यह मंदिर हिंदू और मुगल वास्तुकला का शानदार नमूना है। उल्लेखनीय है कि राजा मानसिंह को अकबर के नवरत्नों में गिना जाता था।