लाइफस्टाइल डेस्क। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। इस दिन का कई वर्षों से इंतजार किया जा रहा था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। अयोध्या भगवान राम की पावन जन्मभूमि है। आज हम आपको उस स्थान के बारे में बताएंगे जो भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान जी को रहने के लिए दिया था। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं। आइए जानते हैं उस स्थान के बारे में…
हनुमानगढ़ी
हनुमानगढ़ी भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी का भव्य मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह वही स्थान है जो भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद हनुमान जी को रहने के लिए दिया था। हनुमानगढ़ी हनुमान जी के प्रमुख मंदिरों में से एक है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हनुमागढ़ी की दूरी तकरीबन 100 किमी है। इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति बलिष्ठ और लाल रंग में विराजमन है।
भक्त सबसे पहले जाते हैं हनुमानगढ़ी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या आने पर सबसे पहले हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करने होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस समय भगवान राम ने हनुमान जी को ये स्थान भेंट किया था उसी समय ये अधिकार भी दिया था कि जो भी भक्त अयोध्या आएंगे वो सबसे पहले हनुमानगढ़ी में हनुमान जी का दर्शन- पूजन करेंगे।
मंदिर की रूपरेखा
हनुमान जी के दर्शन के लिए 76 सीढ़िया पार करनी होती हैं। यहां पर स्थित हनुमान जी की प्रतिमा हमेशा फूल- मालाओं से सुशोभित रहती है। मंदिर की दीवारों में हनुमान चालीसा की चौपाइयां सुशोभित हैं। हनुमान जी के इस पावन स्थान में अलग ही शांति की अनुभूति होती है। भक्तजन मंदिर परिसर में बैठकर राम नाम का सुमिरन और सुंदर कांड का पाठ भी किया करते हैं।
खास है हनुमान जी का यह मंदिर
हनुमान गढ़ी में हनुमान जी की प्रतिमा दक्षिण मुखी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां दर्शन करने और हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है और हनुमान जी की कृपा से जीवन में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।