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Amla navami: जानें आंवले के पेड़ की छांव में भोजन करने का महत्व, ये है पौराणिक मान्यता

Amla Navami

Amla Navami

हिंदू धर्म में कार्तिक माह के दौरान कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। इसमें कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी या आंवला नवमी (Amla Navami) मनाई जाती है। आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यदि श्री हरि विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और श्रद्धालुओं को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

शुभ मुहूर्त

कार्तिक नवमी के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 21 नवंबर, 2023 को सुबह 3.16 बजे शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 22 नवंबर को रात 1.09 बजे होगा। ऐसे में आंवला नवमी (Amla Navami) 21 नवंबर, मंगलवार को ही मनाई जाएगी।

आंवला नवमी (Amla Navami) को लेकर ये है पौराणिक मान्यता

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस दिन किए गए किसी भी दान का फल अक्षय होता है। इसका मतलब है कि इस दिन यदि कोई दान या पुण्य किया जाता है कि उसका फल कभी नष्ट नहीं होता है।

पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा के दिन तक भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी आंवले के पेड़ पर निवास करते हैं। ऐसे में यदि इस दौरान आंवले के पेड़ की पूजा करने के साथ आंवले के पेड़ की छत्रछाया में रहते हैं तो जातकों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

यहीं कारण है कि आंवला नवमी (Amla Navami) पर आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।

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