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मोहिनी एकादशी के दिन श्रीहरि को लगाएं इन चीजों का भोग, पूरी होगी हर मनोकामना

Mohini Ekadashi

Mohini Ekadashi

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत पान कराया था। यह एकादशी अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) पर भगवान विष्णु को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाने से भक्तों की किस्मत चमक उठती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

मोहिनी एकादशी तिथि (Mohini Ekadashi)

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 7 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन 8 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को रखा जाएगा।

मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु लगाएं इन चीजों को भोग

तुलसी दल

तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। किसी भी भोग में तुलसी दल को शामिल करना अनिवार्य माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु कोई भी भोग स्वीकार नहीं करते। मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

पीला रंग

भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए मोहिनी एकादशी के दिन पीले रंग के फल, जैसे केला, आम या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है। पीला रंग समृद्धि और शुभता का प्रतीक है, और इसे अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

माखन और मिश्री

भगवान विष्णु को माखन और मिश्री का भोग अत्यंत प्रिय है। बाल गोपाल के रूप में उनकी आराधना में इसका विशेष महत्व है। मोहिनी एकादशी के दिन माखन और मिश्री का भोग लगाने से जीवन में मधुरता आती है और रिश्तों में प्रेम बढ़ता है।

खीर

चावल, दूध और चीनी से बनी खीर भगवान विष्णु को प्रिय भोगों में से एक है। मोहिनी एकादशी के दिन खीर का भोग लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं।

फल

भगवान विष्णु को ऋतु फल अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। आप अपनी श्रद्धा और उपलब्धता के अनुसार कोई भी मौसमी फल जैसे आम, केला, तरबूज या खरबूजा भोग में शामिल कर सकते हैं। फल अर्पित करने से जीवन में सकारात्मकता और ताजगी आती है।

पंजीरी

धनिया और मेवों से बनी पंजीरी भी भगवान विष्णु को भोग के रूप में अर्पित की जाती है। यह विशेष रूप से उत्तर भारत में प्रचलित है। पंजीरी का भोग लगाने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) पर भोग लगाने का महत्व

मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाने से न केवल उनकी कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। यह दिन आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है। मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना और उन्हें प्रिय भोग अर्पित उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सौभाग्य, आरोग्य और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

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