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यूपी विधानसभा में लव जिहाद बिल पास, जबरन धर्मांतरण पर हो सकती है उम्रकैद

Love Jihad bill

Love Jihad bill passed in UP assembly

लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Vidhan Sabha) में मंगलवार को लव जिहाद बिल (Love Jihad Bill) पास हो गया है। अवैध मतांतरण की बढ़ती घटनाओं पर नकेल कसने के लिए सरकार ने कानून का दायरा और सजा, दोनों को बढ़ा दिया है। इस कानून के तहत किसी महिला को अपने जाल में फंसाकर मतांतरण कराने, उत्पीड़न की घटना, ‘लव जिहाद’ के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा होगी।

अभी तक ऐसे मामलों में अधिकतम 10 साल की सजा होती थी और 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाता था। छल-कपट या बलपूर्वक कराए गए मतांतरण के मामलों में अब कानून ज्यादा सख्त हो गया है। मतांतरण के लिए विदेशी फंडिंग पाई जाने की स्थिति में अब सात से 14 साल तक की सजा के साथ ही कम से कम 10 लाख रुपये तक जुर्माना भरना होगा।

‘लव जिहाद रोकथाम’ बिल (Love Jihad Bill) के दायरे में होंगे ये अपराध

उत्तर प्रदेश में लागू किए गए इस बिल (Love Jihad Bill) के तहत कई बातों को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति मतांतरण कराने की मंशा से किसी व्यक्ति को धमकाता है या हमला करता है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा। इसके अलावा शादी करने या शादी का झांसा देकर षड्यंत्र करके मतांतरण को भी गंभीर अपराध माना जाएगा। नाबालिग, महिला या किसी व्यक्ति की तस्करी को भी गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

आजीवन कारावास तक की सजा का किया प्रावधान

ऐसे मामले में आरोपित को कम से कम 20 वर्ष कारावास या आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अर्थ दंड भी लगाया जाएगा, जिसकी राशि पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए जरूरी धनराशि के आधार पर कोर्ट तय कर सकेगी।

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इस कानून के तहत मतांतरण के मामले में अब कोई भी व्यक्ति भी एफआईआर दर्ज करा सकेगा। पहले मतांतरण से पीड़ित व्यक्ति, उसके स्वजन अथवा करीबी रिश्तेदार ही ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकते थे। सत्र न्यायालय से नीचे की किसी अदालत में लव जिहाद से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं होगी।

पहले लव जिहाद के कानून में थे ये प्रावधान

– इससे पहले योगी सरकार ने विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 किया था पारित।
– विधेयक में धर्म परिवर्तन कराने के आरोपित को 10 साल तक की सजा दिए जाने का प्रावधान था।
– इस विधेयक के तहत सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन घोषित किया गया था अमान्य।
– किसी से झूठ बोलकर, धोखा देकर कराए गए धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में रखा गया था।
– स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के मामले में मजिस्ट्रेट को 2 महीने पहले इसके बारे में देनी होती थी सूचना।
– धोखे से या जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 5 साल तक की जेल के साथ जुर्माना भी लगाया जाता था।

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