अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या तीन जितेंद्र मिश्रा ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली पत्नी और उसके प्रेमी का दोष सिद्ध होने पर मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही सात हजार रुपये आर्थिक दंड लगाया है।
अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा रमाशंकर पासवान पुत्र निवासी हुसैनपुर थाना अहरौरा तथा हुसैनपुर के चौकीदार ने 14 सितम्बर 2010 को अहरौरा थाने में तहरीर दी कि 14 सितम्बर 2010 को दिन में पौने दो बजे वादी जिगना पहाड़ी से काम करके अपने घर जा रहा था। उसके गांव के सिवान स्थित गड़ई नदी की पुलिया पर गांव के कुछ लोगों की भीड़ लगी थी। भीड़ देखकर वहां पहुंचा तो देखा कि पुलिया के किनारे पूरब तरफ पानी में एक बोरी में एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी है, जिसका सिर कटा हुआ था।
देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उस व्यक्ति की कहीं दूसरे जगह हत्या करके लाश छिपाने के लिए नदी में फेंक दिया गया है। देखने से वह नए उम्र का लग रहा था। इस घटना को देखकर सनसनी फैल गई थी। लोग सुनकर काफी डरे हुए थे, शव वहीं पड़ा था। वादी मुकदमा रमाशंकर पासवान चौकीदार की लिखित तहरीर के आधार पर अहरौरा पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने लगी। विवेचना के दाैरान अज्ञात व्यक्ति की पहचान जय मूरत पटेल निवासी बरहों के रूप में हुई। पाया गया कि जय मूरत की पत्नी मंजू देवी ने ही अपने प्रेमी राजकुमार बिंद के साथ मिलकर पति जय पटेल की हत्या कराई है।
पुलिस ने राजकुमार बिंद और मंजू देवी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया, जिसका परीक्षण अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय में हुआ। मामले को सिद्ध करने के लिए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता काशीनाथ दुबे ने कुल आठ गवाहों को प्रस्तुत कराया। न्यायालय ने अपराध की गंभीरता मौजूद साक्ष्य व परिस्थितियों को देखते हुए राज कुमार बिंद पुत्र स्व. दयाराम बिंद निवासी घाटमपुर व मंजू देवी पत्नी स्व. जय मूरत पटेल निवासी बरहों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।