लखनऊ के सरोजनीनगर में शुक्रवार सुबह एलपीजी गैस भरा टैंकर (कैप्सूल) अचानक पलटने से आसपास लोगों में अफरा-तफरी मच गई। टैंकर से हो रहे तेज गैस रिसाव की सूचना मिलते ही पुलिस व फायर ब्रिगेड के हाथ पांव फूल गए। घटना को लेकर हड़कंप मचा तो पुलिस और फायर ब्रिगेड आनन फानन मौके पर पहुंच गई। बाद में इसकी सूचना अमौसी स्थित इंडेन गैस बॉटलिंग प्लांट अधिकारियों को दी गई। मौके पर पहुंचे प्लांट के इंजीनियरों ने कड़ी मशक्कत के बाद गैस रिसाव बंद कर उस पर काबू पाया।
हालाकि फायर ब्रिगेड व पुलिस की सूझबूझ से एक भीषण हादसा होते-होते टल गया। इस घटना में टैंकर पलटने से उसका चालक जसविंदर भी उसके अंदर ही फस गया। लेकिन बाद में किसी तरह वह बाहर निकल कर दूर भाग खड़ा हुआ। बताते हैं कि शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे एलपीजी गैस से भरा कैप्सूल टैंकर (यूपी 78 सीटी 0537) सरोजनीनगर में कानपुर रोड से नादरगंज होते हुए अमौसी स्थित इंडियन आयल गैस बॉटलिंग प्लांट जा रहा था। तभी नादरगंज – अमौसी रेलवे स्टेशन रोड स्थित अमौसी औद्योगिक क्षेत्र में आर्यन हॉस्पिटल मोड पर टैंकर अचानक अनियंत्रित होकर विद्युत खंभे में टकराते हुए पलट गया।
टैंकर को खंभे में टकराने से जहां विद्युत तारों से चिंगारियां उठने लगी, वहीं टैंकर के पलटते ही उसके सेफ्टी वाल्व से तेज गैस रिसाव होने लगा। टैंकर से गैस रिसाव होने पर राहगीरों व आसपास स्थित फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। लोग बड़े हादसे के डर से इधर-उधर भागने लगे। वहीं टैंकर को उठाने के लिए मौके पर कई क्रेनों को मंगाया गया। काफी मशक्कत कर कई घंटे बाद क्रेनों के जरिए टैंकर को उठाया जा सका। उधर सूचना पाकर किसी बड़े हादसे से निपटने के लिए सरोजनीनगर फायर स्टेशन के एफएसओ शिवराम यादव ने भी कई दमकल गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
किसी बड़े हादसे की आशंका के चलते मौके पर दमकल की करीब आधा दर्जन से अधिक गाड़ियां मंगा ली गयी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड व पुलिस के जवानों ने घटनास्थल के दोनों छोर पर लोगों का आवागमन बंद करा दिया। इसके अलावा नादरगंज पावर हाउस पर सूचना कर उधर से गुजर रही विद्युत लाइन की आपूर्ति बंद कराने के साथ ही आसपास फैक्ट्रियों में काम कर रहे श्रमिकों को भी सुरक्षित जगह पर जाने के निर्देश दे दिए गये। यहां आवागमन बंद होने से कई घंटे तक लोगों को इधर उधर से निकल कर गंतव्य को जाना पड़ा। इसकी वजह से दूसरे रास्तों पर वाहनों का भार बढ़ने के कारण जाम के हालात बने रहे। बाद में शाम करीब 4 बजे टैंकर उठाए जाने के बाद ही यहां के हालात सामान्य हो सके।
कैप्सूल टैंकर में गैस रिसाव इतना तेज था कि बॉटलिंग प्लांट के इंजीनियर जब तक मौके पर पहुंचे, तब तक आसपास के करीब ढाई सौ मीटर एरिया में गैस की दुर्गंध फैल गई। गेस की तेज दुर्गंध की वजह से किसी बड़ी अनहोनी की आशंका में इलाके के लोग सहम गए। लेकिन इंजीनियरों ने जब तेजी से हो रहे गैस रिसाव पर काबू पाया, तब लोगों की जान में जान आई।