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लखनऊ गैंगवार: अजीत सिंह के शरीर में मिले 23 गोलियों के निशान, परिजनों को सौंपा शव

gangwar in lucknow

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लखनऊ। मुख्तार अंसारी के करीबी और पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या पेशेवर हत्यारों ने की थी। उनका निशाना अचूक था। गुरूवार को आई मृतक अजीत सिंह की रिपोर्ट से यही साबित हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अजीत सिंह के शरीर में 23 गोलियां लगने के निशान मिले हैं। मृतक के शरीर से चिकित्सकों ने 4 गोलियां रिकवर की गई हैं, जबकि 19 गोलियां अजीत सिंह के शरीर को भेदती हुई आर-पार हो गई हैं। पोस्टमार्टम होने के बाद अजीत का शव भारी सुरक्षा के बीच उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजन शव लेकर मूल निवास मऊ चले गए हैं।

गुरूवार को घायल मोहर सिंह की तहरीर पर तीन के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज कराई है। एडीसीपी कासिम आब्दी ने बताया कि मोहर सिंह ने धु्रव सिंह उर्फ कुण्टू, अखण्ड प्रताप सिंह और कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डाक्टर के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। सभी आरोपित मऊ और बनारस के रहने वाले हैं। मोहर सिंह ने अपने इकबालिया बयान में कहा कि आरोपित गिरधारी सिंह को उसने वारदात के दौरान देखा था। अजीत सिंह के साथी घायल मोहर सिंह की तहरीर पर विभूतिखण्ड पुलिस ने हत्यारों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली है। गुरूवार को पुलिस विभाग की टीमों ने घटना स्थल से लेकर मृतक अजीत सिंह के घर का भी मुआयना किया है।

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श्री आब्दी के अनुसार घटना स्थल व उसके आस-पास से गुजरने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज आज हांसिल कर ली गई है। फुटेज को पुलिस विभाग के कई एक्सपर्टों ने बारीखी से देखा है। फुटेज हत्यारे बाइक समेत भागते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन कैमरों की जूमिंग क्वालिटी ठीक न होने के चलते फुटेज में हत्यारों के चेहरे साफ तौर पर नहीं दिखाई दे रहे हैं। उधर राजधानी में हत्यारों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। जवाबी फायरिंग में हत्यारों के भी घायल होने की पुष्टिï हुई है। पुलिस कयास लगा रही है कि हत्यारे अपना इलाज कराने अस्पताल पहुंचे होगें।

हत्यारों का सुराग लगाने के लिए पुलिस टीमों ने गुरूवार को राजधानी के ग्रामीण इलाकों में स्थित निजी व सरकारी अस्पतालों में खाक छानी है, लेकिन उनके हांथ कुछ खास नहीं लगा है। जिसके चलते पुलिस टीमें बैरंग लौट आई हैं। गुरूवार को डाक्टरों के एक विशेष पैनल ने अजीत सिंह के मृत शरीर का पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम करने के दौरान चिकित्सक खुद भी सकते में आ गए। पेशेवर शूटरों ने ताबड़तोड फायरिंग की थी। मृतक के शरीर में 23 गोलियों के निशान मिले हैं। मृतक के शरीर से चिकित्सकों ने 4 गोलियां रिकवर की हैं।

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चिकित्सकों का कहना है कि 19 गोलियां अजीत के शरीर को भेदती हुईं पार हो गई हैं। अजीत का शरीर करीब दो दर्जन गोली लगने से छल्नी हो गया है। गुरूवार दोपहर पोस्टमार्टम होने के बाद अजीत के शव को भारी सुरक्षा के बीच परिजनों को सौंप दिया है। परिजन अजीत का शव लेकर मऊ रवाना हो गए हैं। ज्ञात हो कि बुधवार की देर शाम मऊ के जिला बदर अपराधी अजीत सिंह अपने साथी मोहर सिंह के साथ विभूतिखण्ड के कठौता चौराहे से गुजर रहे थे। इसी दौरन बाइक सवार तीन बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड फायरिंग कर दी थी।

अजीत सिंह और उसके साथी ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायर किए थे। दो-तरफा हुई फायरिंग में अजीत सिंह के शरीर में कई गोलियां लग गई थी, जबकि मोहर सिंह के पैर में तीन गोलियां लगी थीं। अंधाधुंध फायरिंग में वहीं मौके से गुजर रहे फूड डिलीवरी ब्वाय अजय के भी पैर में गोली लग गई थी। तीनों ही मौके पर गिर गए थे। अजीत के निढाल होकर गिरते हुए हत्यारे मौके से पैदल ही भाग निकले थे। जिसके बाद कुछ ही दूरी पर खड़ी बाइक पर सवार होकर रफूचक्कर हो गए थे। फायरिंग गोलियों की तडतडाहट से विभूतिखण्ड इलाका थर्ररा गया था। पुलिस घायलों को लेकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गई। जहां चिकित्सक ने अजीत सिंह को मृत घोषित कर दिया था और घायल मोहर व अजय को भर्ती कर लिया था। घायलों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।

खून से सनी मिली हत्यारों की बाइक व चाभियां

गुरुवार को कमता बस अड्डे पर पुलिस ने दो लावारिस बाइकें बरामद कीं हैं। दोनों ही गाडिय़ों में खून लगा हुआ था, इसके अलावा गाडिय़ों में लगी चाभियां भी खून से सनी थीं। पुलिस कयास लगा रही है कि बरामद हुई बाइकें अजीत सिंह के हत्यारों की हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि जवाबी फायरिंग में हत्यारे भी घायल हुए हैं। उनके हांथ शरीर के अन्य भाग से खून का रिसाव हुआ है। जिससे बाइक और चाभियों में खून लग गया है। पुलिस कयास यह भी लगा रही है कि हत्यारे वारदात को अंजाम देकर बाइक से ही भागने की फिराक में थे, लेकिन ग भीर रूप से घायल होने पर उन्होंने बस का सहारा लिया है। राजधानी से बच निकलने के लिए हत्यारे हत्याकाण्ड को अंजाम देकर घटना स्थल से सबसे करीब पडऩे वाले कमता बस अड्डे पहुंच गए। जहां सभी बस में सवार होकर भाग निकले।

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हत्यारों की तलाश में गैर जनपद पहुंच पुलिस की टीमें

राजधानी में अर्से बाद गैंगवार में हुई 30 राउण्ड फायरिंग के दौरान हत्या से समूचे प्रदेश की पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई है। हत्याकाण्ड की जांच स्वयं पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हत्यारों की शिना त और उन तक पहुंचने के लिए पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और स्थानीय थाने की टीम भी शामिल हैं। उन्होंने हत्यारों की तलाश में पुलिस टीमों को आजमगढ़ और बनारस भेजा गया है। उधर घायल मोहर सिंह ने 4 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि नामजद लोगों में से कुछ आजमगढ़ और कुछ बनारस के रहने वाले हैं।

अजीत की गाड़ी में लगा मिला सचिवालय पास

गुरूवार को घटना स्थल की छानबीन की गई थी। घटना स्थल से कई कारतूसों के खोखे बरामद हुए हैं। बुधवार की रात्रि पुलिस ने अजीत सिंह की स्कार्पियो गाड़ी कब्जे में ले ली थी। गाड़ी में सचिवालय का पास भी लगा था। सचिवालय का पास विधायक के नाम से जारी किया है जिसे प्रमुख सचिव विधान परिषद ने जारी किया था। उक्त सवाल सचिवालय की सुरक्षा को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। हालांकि किसी और के नाम का बना पास अजीत को कैसे मिला, ऐसे तमाम बिंदुओं पर पुलिस पड़ताल कर रही है। श्री ठाकुर ने बताया कि जांच की जा रही है। इसके पीछे छिपे सरकारी कर्मियों और अधिकारियों के नाम उजागर होने पर उनके खिलाफ स त कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा गुरूवार को पुलिस विभाग की कई टीमों ने घटना स्थल और अजीत सिंह के घर में भी कई बिंदुओं पर त तीश की गई।

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एक हमलावर दोनों हाथों से गोली चलाता दिखा

पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह के हत्यारे पेशेवर थे। उन्हें ताबड़तोड गोली चलाने की महारत हांसिल थी। उन्होंने महज 3 मिनट में ताबड़तोड फायर झोंक दिए थे। गुरूवार को पुलिस टीम ने घटना स्थल व आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है। एक फुटेज में हमलावर साफतौर पर फायर झोंकते नजर आ रहे हैं। फुटेज में एक हमलावर दोनों हांथों में असलहा लेकर फायर झोंकता नजर आ रहा है। एक के बाद एक असलहे से बारी फायर कर रहा है। एडीसीपी कासिम आब्दी ने बताया कि फुटेज में हत्यारों का चेहरा साफ तौर पर नहीं दिख रहा है। हालांकि घायल मोहर ने गिरधारी सिंह को फायर झोंकते हुए देखने की बात कही है।

अजीत सिंह और कुंटू सिंह के बीच भी गहरी दोस्ती

अजीत सिंह और कुंटू सिंह के बीच काफी गहरी दोस्ती थी, लेकिन संपत्ति के बंटवारे में दोनों के बीच मतभेद हो गया। धीरे-धीरे यह मतभेद जानी दुश्मनी तक जा पहुंची। आजमगढ़ के सगड़ी के तत्कालीन विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या की साजिश रचे जाने की मुखबिरी इसी अजीत सिंह ने की थी। इसकी वजह से प्रशासन ने सीपू सिंह को सुरक्षा प्रदान की थी। हालांकि बाद में सीपू सिंह की हत्या कर दी गई। इसमें कुंटू सिंह का नाम आया था। ब्लॉक प्रमुख पद पर कब्जा करने की कुंटू सिंह की इच्छा अजीत सिंह की वजह से पूरी नहीं हो पाई। संपत्ति के बंटवारे को लेकर अजीत और कुंटू के बीच दूरियां लगातार बढ़ती ही गईं। इसका परिणाम ये हुआ कि इन दोनों की दोस्ती दुश्मनी में तब्दील हो गई। अब कुंटू सिंह अजीत को अपने राह का सबसे बड़ा रोड़ा मानने लगा। अजीत सिंह को इसकी जानकारी थी, इसीलिए वह कुंटू से सावधान रहता था।

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