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लखनऊ गैंगवार: शूटर गिरधारी को रिमांड पर लेने दिल्ली पहुंची लखनऊ पुलिस

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लखनऊ। विभूतिखंड में हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह को गोलियों से छलनी करने वाले अपराधी गिरधारी शर्मा उर्फ डॉक्टर उर्फ कन्हैया को रिमाण्ड पर लखनऊ लाने के लिए पुलिस टीम ने दिल्ली पहुंचकर उससे पूछताछ की। उसे रिमाण्ड पर राजधानी लाने के लिए लखनऊ पुलिस की टीम दिल्ली में डेरा डाले हुए है। माना जा रहा है कि पुलिस टीम शीघ्र ही उसे लखनऊ लाकर शूटआउट के बारे में गहन पूछताछ करेगी। उधर, इस घटना में शूटरों की मदद करने वाले पूर्व सासंद पर भी शिकंजा कसता रहा है। उससे भी शीघ्र पूछताछ की जाएगी।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीती देर रात नाइन एमएम पिस्टल के साथ गिरधारी शर्मा उर्फ डॉक्टर को नाटकीय तरीके से गिरफ्तार किया था। गिरधारी पर एक लाख रुपये का इनाम वाराणसी पुलिस ने हत्या के एक मामले में घोषित कर रखा है। लखनऊ पुलिस और एसटीएफ उसे गिरफ्तार करने के लिये रात-दिन एक किये हुए थी लेकिन वह सबको चकमा देकर दिल्ली पहुंच गया। यही नहीं उसकी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले लखनऊ की कोर्ट में समर्पण की अर्जी भी डाली थी, जिस पर 13 जनवरी की तारीख दी गई थी। कमिश्नरेट पुलिस की एक टीम उसे रिमाण्ड पर लेने के लिये मंगलवार दिल्ली पहुंच गयी।

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छह जनवरी को कठौता चौराहे के पास गिरधारी ने अपने साथियों के साथ अजीत सिंह की हत्या कर दी थी। इस काण्ड में घायल हुए अजीत के साथी मोहर सिंह ने पुलिस को बताया था कि शूटरों में गिरधारी था और उसने ही सबसे ज्यादा गोलियां चलायी थी। मोहर ने एफआईआर दर्ज करायी थी कि अजीत की हत्या आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह और अखण्ड सिंह ने करवायी है। इस मामले में अब तक मददगार के रूप में प्रिंस और रेहान की गिरफ्तारी हो चुकी थी। प्रिंस की गिरफ्तारी के बाद ही पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली सांसद का नाम इस हत्याकाण्ड में आया है। इस बाहुबली के करीबी प्रदीप कबूतरा के भी हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कही जा रही है।

पुलिस के लिये चुनौती बने इस हत्याकाण्ड से जुड़े अभी कई सवाल अनसुलझे हैं। इन सवालों का जबाब जानने के लिये ही पुलिस गिरधारी को रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ करेगी। बताया जाता है कि पूर्व सांसद के इशारे पर ही दिल्ली की स्पेशल क्राइम सेल के हत्थे गिरधारी चढ़ा है। उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही होते ही लखनऊ तक हड़कम्प मच गया था। इस मामले में पुलिस को अभी अंकुर और बंधन की भी तलाश है।

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लखनऊ कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शूटरों को पनाह देने से लेकर उनकी हर तरीके से मदद करने और एक शूटर का अपने घर इलाज कराने के सारे सबूत मिल गये हैं। इसके आधार पर बाहुबली पूर्व सांसद से शीघ्र ही पूछताछ की जाएगी और पूछताछ के बाद वारदात का षड़यंत्र रचने की धारा 120 बी के तहत केस भी दर्ज किया जा सकता है। फिलहाल बाहुबली पूर्व सांसद अंडरग्राउंड है। लखनऊ पुलिस से लेकर यूपी एसटीएफ उसकी हर लोकेशन पर निगाह रखे हुए है।

लखनऊ क्राइम ब्रांच के एक इंस्पेक्टर की माने तो अजीत सिंह की हत्या का ताना बाना कोई आठ-दस दिन में नहीं बुना गया। बल्कि बेहद सोची समझी रणनीति के तहत अजीत को लखनऊ में गोलियों से छलनी किया गया। करीब आठ महीने से हत्या की साजिश रची जा रही थी। उसकी हत्या आजमगढ़ में आसानी से करायी जा सकती थी। साजिशकर्ताओं ने उसके जिलाबदर होने पर लखनऊ में ही उस पर हमला करने को कहा। इस हत्याकाण्ड में चार शूटरों और जेल में बंद दो अपराधियों के अलावा 16 नाम चिन्हित कर लिये गये हैं। दावा यह भी है कि पूरी साजिश में इससे ज्यादा अपराधी भी हो सकते हैं। ये सब एक सिरे से अजीत को जल्दी से जल्दी मौत की नींद सुला देना चाहते थे। प्रिंस की गिरफ्तारी और आजमगढ़ से मिली जानकारी पर पुलिस अब यही मान कर तफ्तीश आगे बढ़ा रही है।

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पुलिस को ये भी जानकारी मिली है कि साजिशकर्ता पंचायत चुनाव से पहले उसकी हत्या करवा देना चाहते थे। ऐसा करके एक तीर से दो शिकार किये गये। कुंटू को उसकी गवाही से बचना था और गिरधारी को पंचायत चुनाव लड़ना था। दो दिन पहले आजमगढ़ में हिरासत में लिये गये एक अपराधी ने पुलिस को बताया कि अजीत को आजमगढ़ में मरवाना तो आसान था लेकिन हत्या के बाद वहां से निकलना कठिन था। कुंटू और अखण्ड को पता था कि अजीत लखनऊ में अपनी महिला मित्र के साथ अकेले घूमता है। इसके बाद ही लखनऊ में उसकी हत्या करवाने की साजिश रची गई थी।

प्रिंस की गिरफ्तारी के बाद नामजद हुए अंकुर और अखण्ड की कॉल डिटेल से भी पुलिस को चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। कुछ समय में दोनों कई बार लखनऊ आये। इनकी लोकेशन अजीत के फ्लैट के इर्द-गिर्द भी निकली है। आजमगढ़ में ये लोग कई बार जेल में कुंटू से मिले। इन दोनों से मिलने वाले कई बदमाश मऊ भी गये। अजीत मऊ का हिस्ट्रीशीटर था।

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