लखनऊ। राजधानी पुलिस पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह के हत्यारों के करीब पहुंच गई है। शुक्रवार को पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। पुलिस को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के सामने स्थित प्लूमरिया अपार्टमेंट की पार्किंग से लाल रंग की डस्टर कार बरामद हुई है। इसके अलावा अपार्टमेंट से दो संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिए गए संदिग्धों में से एक हत्यारों की गाड़ी का चालक है।
अजीत सिंह की ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या के बाद करीब 42 घंटे तक शूटर विभूतिखंड थाना के लगभग डेढ़ किलोमीटर दायरे में ही घूमते रहे और पुलिस बेखबर रही। इस दौरान शूटर अपनी बाइक से कठौता स्थित घटनास्थल से पुलिस के कई चेकिंग पॉइंट्स पार करते हुए कमता स्थित अवध बस अड्डा पहुंचे और वहां दोनों बाइक खड़ी करके लाल रंग की डस्टर कार से फिर थाना से चंद कदम दूर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के सामने रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट आ गए।
जहरीली शराब के मामले में आबकारी निरीक्षक समेत चार निलंबित, तीन का तबादला
हत्यारों की करीब डेढ़ किलोमीटर की इस बेखौफ आवाजाही ने पुलिस इंतजाम को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि अजीत सिंह की हत्या करने वाले चारों शूटर आजमगढ़ के ही हैं। शुक्रवार को कई लोगों से पूछताछ में इसकी पुष्टि हो गई है। शूटरों के नाम और पते भी पुलिस को मिल गए हैं। उनकी तलाश में कई जनपदों में पुलिस की टीमें रवाना की गई हैं। उन्होंने बताया कि घटना स्थल और आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में लाल रंग की डस्टर कार संदेह के घेरे में आ रही थी। आज वह गाड़ी बरामद कर ली गई है। अपार्टमेंट से हिरासत में लिए गए संदिग्धों ने बताया कि रोहतास प्लूमेरिया अपार्टमेंट में उनका एक परिचित रहता है। बीते तीन-चार साल में वह कई बार लखनऊ आए और अपार्टमेंट में ही परिचित के लैट पर ठहरे।
सरकारी योजनाओं में ठेका दिलाने के नाम पर करोड़ो की ठगी करने वाला गिरफ्तार
बुधवार को वह आजमगढ़ से दो लोगों को लखनऊ लेकर आए थे। दोनों अपार्टमेंट के बाहर उतरकर भीतर चले गए जबकि साथ आए दो व्यक्ति कार लेकर कठौता की तरफ चले गए थे। रात को दोनों ने अपार्टमेंट आकर कार खड़ी कर दी। हालांकि, पुलिस उनकी बातों का यकीन नहीं कर रही है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि दोनों शूटर के ही साथी हैं। उनके साथ आए शूटरों के दो अन्य साथी या लखनऊ में ही रुके थे या फिर वह किसी दूसरे साधन से यहां पहुंचे होंगे। संदिग्धों ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि साथ आने वाले लोग हत्या करने जा रहे हैं। शूटरों की तलाश में पुलिस ने प्लूमेरिया अपार्टमेंट के पास स्थित दूसरे अपार्टमेंट में छानबीन की, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शूटर अपार्टमेंट से बृहस्पतिवार आधी रात के बाद भाग गए थे। फिलहाल पुलिस ने दोनों अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई है। अपार्टमेंट की रेजिडेंट वेलफेयर कमेटी के पदाधिकारियों से भी बीते दो-तीन दिन के दौरान आने-जाने वालों की जानकारी ली जा रही है।
कार की पिछली सीट मिली खून से सनी
लाल रंग की कार की पिछली सीट पर खून के निशान मिले हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जवाबी गोलीबारी में एक गोली शूटर को भी लग गई थी। घायल शूटर को कार में बैठाया गया था, जिससे सीट खून से सन गई है। हालांकि, कार में फैला खून धोने की कोशिश की गई थी। फॉरेंसिक टीम ने खून के नमूने जांच के लिए एकत्र किए हैं।
महाराष्ट्र के कारोबारी की है कार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लाल रंग की कार महाराष्ट्र के एक कारोबारी की है। कार पकड़े गए युवकों के पास दो साल से थी। कारोबारी से युवकों का क्या संबंध है? कार युवकों के पास कैसे आई? कार और उसे चलाने वाले युवकों का अजीत हत्याकांड से क्या लेना-देना है? इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
मोहर के कहने पर भाग गई थी अजीत की महिला मित्र
पुलिस ने गोलीबारी के दौरान अजीत की कार में बैठी उसकी दोस्त से भी लंबी पूछताछ की है। अधिकारियों ने बताया कि अजीत अपने साथी मोहर सिंह और महिला मित्र के साथ चिकन लेने आया था। महिला मित्र ने उससे हुक्का का लेवर मंगाया। वह विभिन्न लेवर लेकर मोहर के साथ पैदल कार की तरफ जा रहा था तभी शूटरों ने घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। गोलियां चलती देखकर कार में बैठी अजीत की महिला मित्र नीचे झुक गई थी। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि अजीत के सड़क पर गिरने के बाद मोहर सिंह कार के पास आया और उसे नीचे उतारकर भाग जाने को कहा। उसने किसी भी शूटर का चेहरा देखने की बात से इनकार किया है। अजीत पहले सतलज अपार्टमेंट में रहता था और 20 दिन पहले ही वह राप्ती अपार्टमेंट में शि ट हुआ था। अजीत की महिला मित्र ने बताया कि वह अपने साथ कार की चाभी ले गई थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कार लॉक थी। कार के भीतर चार मोबाइल फोन थे जो लगातार बज रहे थे। पुलिस ने कार का शीशा तोड़कर मोबाइल फोन अपने कब्जे में लिए।
नामजद आरोपित की निकली बाइक
पुलिस को कमता बस स्टेशन से जो दो बाइक मिली हैं, उनमें से एक अजीत को पूर्व में धमकी देने वाले मुबारकपुर, आजमगढ़ निवासी शिवप्रकाश की है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बदमाशों ने एक ही बाइक का नंबर प्लेट बदला था। दूसरी बाइक के बारे में छानबीन की गई तो पता चला कि वह खरगापुर, गोमतीनगर के पते पर दर्ज है। पुलिस अब शिवप्रकाश की तलाश में दबिश दे रही है। बदमाश बाइक में चाभी लगी छोड़ गए थे। उधर, पुलिस को दिए बयान में मोहर ने गिरधारी की पहचान की है। मोहर का कहना है कि हमलावरों में एक गिरधारी था, जबकि तीन अन्य अज्ञात थे।