लखनऊ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अब संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी परिजनों को घंटों इन्तजार करना पड़ रहा है। लखनऊ के भैंसाकुंड स्थित विद्युत् शव गृह के बाहर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हैं।
पिछले एक सफ्ताह से यही आलम है। जिसकी वजह से टोकन सिस्टम भी लागू किया गया हैं, बावजूद इसके मृतकों के परिजनों को आठ से दस घंटे का इन्तजार करना पड़ रहा है। परिजनों का आरोप है कि यहां सुबह के बाद भी 10 बजे टोकन मिल रहा है, उसके बाद भी घंटों इन्तजार करना पड़ रहा है।
यूपी: सभी स्कूल-कॉलेज और कोचिंग 30 अप्रैल तक बंद, पहले से तय एग्जाम होंगे
दरअसल, भैंसाकुंड स्थित विद्युत् शव गृह में ही कोरोना संक्रमण से हुई मौतों का अंतिम संस्कार होता है। यहां पर दो यूनिट है जहां, शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन मैन पावर की कमी और अव्यवस्थाओं की वजह से अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शवों को लेकर भैंसाकुंड पहुंची गाड़ियों का काफिला आधा किमी लंबा है. भैंसाकुंड स्थित बैकुंठ धाम से निशातगंज पल तक गाड़ियों की लाइन लगी है। अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने पहुंचे एक शख्स ने बताया कि वे सुबह 6 बजे पहुंचे थे। 10 बजे कर्मचारी ने उन्हें 6 नंबर का टोकन दिया।
लखनऊ में कोरोना का आतंक, फैमली बाजार के 13 कर्मचारी संक्रमित, नगर निगम ने किया सील
बावजूद इसके 12 बजे तक अभी उनका नंबर नहीं आया है को लेकर भी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि जब पिछले एक साल से महामारी चल रही है तो व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाना चाहिए था। लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं हैं।