हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के हाथ में मौजूद चिन्ह व रेखाएं भविष्य, भूत व वर्तमान बताती हैं। हाथ में धन रेखा, शनि रेखा और विवाह रेखा बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। शनि रेखा भाग्यशाली लोगों के हाथों में होती है। शनि रेखा (Shani Rekha) को भाग्य रेखा भी कहा जाता है।
शनि रेखा कहां से होती है प्रारंभ: शनि रेखा (Shani Rekha) मणिबंध या हाथ के मध्य भाग से आरंभ होती है और शनि पर्वत तक जाती है। हस्त रेखा के अनुसार, हथेली की मध्यमा अंगुलि के नीचे वाला स्थान शनि पर्वत होता है।
सफलता की चोटी पर पहुंचते हैं ऐसे लोग:
अगर किसी व्यक्ति के हाथ में कलाई के ऊपरी भाग से शनि या भाग्य रेखा (Shani Rekha) निकलती है और बिना कटे शनि पर्वत तक पहुंचती है तो बहुत शुभ माना गया है। जिन जातकों के हथेली में शनि रेखा होती है वे भाग्य के धनवान माने जाते हैं। कहते हैं कि ऐसे लोग कर्म में ज्यादा विश्वास रखते हैं।
होती है शनिदेव की कृपा:
शनि पर्वत के प्रभाव से लोगों को नौकरी के साथ-साथ व्यापार में भी तरक्की मिलती है। कहते हैं कि 35 साल की उम्र तक जीवन का हर सुख प्राप्त होता है। कड़ी मेहनत का पूरा फल मिलता है। कहते हैं कि शनि रेखा (Shani Rekha) जिस जातक के हाथ में होती है उस पर शनिदेव की कृपा रहती है।
हस्त रेखा के अनुसार, जिन जातकों के हाथ में शनि रेखा होती है वे न्यायप्रिय होते हैं। ये लोग दूसरों के साथ अन्याय नहीं करते हैं और न ही सहन करते हैं। कहते हैं कि ऐसे लोगों पर शनिदेव की कृपा से जीवन में हर सुख-सुविधा प्राप्त होती है।