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दिवाली पर बन रहा है सौभाग्यशाली योग, जानें पूजन की सही तिथि और मुहूर्त

दिवाली Diwali

दिवाली

नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार पांच दिन का होता है। इसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है। इस बार दिवाली शनिवार यानी 14 नवंबर को मनाई जाएगी, लेकिन इस साल धनतेरस और छोटी दिवाली की तारीख तय नहीं है। कुछ लोग 12 नवंबर यानी आज धनतेरस मना रहे हैं और कुछ लोग 13 नवंबर को धनतेरस मनाएंगे।

बता दें कि इस साल नरक चतुर्दशी को लेकर असमंजस बढ़ गया है, लेकिन इस बार दिवाली के दिन ग्रहों के जोरदार संयोग बन रहे हैं। ये संयोग कुछ राशियों के लिए धन की वर्षा करने वाले हैं। इस बार दिवाली के दिन गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में, शनि अपनी राशि मकर में और शुक्र कन्या राशि में नीचे का रहेगा, जिससे ग्रहों की स्थिति बहुत शुभ होने जा रही है और इसी वजह से लोगों के धन और आय में वृद्धि होगी।

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इस तरह शुरू होंगे त्योहारी दिन

13 नवम्बर 2020 :- धनतेरस, धन त्रयोदशी व नरक चतुर्दशी निमित्त सायं दीपदान, धनवंतरि जयंती, रूप चतुर्दशी निमित्त आगामी अरुणोदयकाल में प्रभात स्नान व दीपदान, चन्द्रोदय आगामी प्रातः 05: 28, श्री हनुमान जन्मोत्सव (उत्तर भारत)
14 नवम्बर 2020 :- दीपावली, श्रीमहालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजा, कमला जयंती, महावीर निर्वाण दिवस
15 नवम्बर 2020 :- अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, बलिराज पूजा, जैन सम्वत् 2547 प्रारम्भ
16 नवम्बर 2020 :- भैया दूज, यम द्वितीया, विश्वकर्मा दिवस, चित्रगुप्त पूजा, कलम-दवात पूजा

दीपावली व लक्ष्मी पूजन मुहूर्त

इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या दिनांक 14 नवम्बर 2020 को प्रदोषकाल में अमावस्या होने से इसी दिन दीपावली मनायी जायेगी। लक्ष्मीपूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिरलग्न व स्थिरनवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है। इस वर्ष लक्ष्मीपूजन का समय इस प्रकार रहेगा। अमावस्या दोपहर 02:18 के पश्चात आएगी।

दिवाकाल के श्रेष्ठ समय

शुभ का चौघडिय़ा प्रात: 08:10 से 09:30 तक, चर-लाभ-अमृत का चौघडिय़ा दोपहर 12:11 से सायं 04:12 तक तक एवं अभिजित दोपहर 11:47 से दोपहर 12:35 तक रहेगा।

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सर्वश्रेष्ठ समय

प्रदोष काल :- सायं 05:33 से रात्रि 08:12 तक एवं सायं 05:49 से सायं 06:02 तक जिसमें प्रदोषकाल-स्थिर (वृषलग्र)-कुम्भ का नवमांश रहेगा।

रात्रि के श्रेष्ठ चौघड़िये

लाभ का चौघडिय़ा सायं 05:33 से सायं 07:12 तक, शुभ-अमृत-चर का चौघडिय़ा रात्रि 08:52 से मध्यरात्रि 01:51 तक, लाभ का चौघडिय़ा अन्तरात्रि 05:10 से अग्रिम प्रात: 06:50 तक रहेगा।

रात्रि के श्रेष्ठ लग्न

वृषलग्न सायं 05:40 से सायं 07:37 तक रहेगा। सिंहलग्न मध्यरात्रि 12:10 से अन्तरात्रि 02:26 तक है।

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