ग्वालियर। महामारी के इस दौर में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जेएएच ब्लड बैंक में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। दतिया के निवासी कोरोना संक्रमित मनोज गुप्ता के परिजन को प्लाज्मा बेचकर ब्लड बैंक की 18 हजार रुपये की फर्जी रसीद दे दी गई। इसके बाद इस गोरखधंधे की परतें उधड़नें लगीं। पुलिस को जब इस मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने दलाल महेश मौर्य और हेमंत को गिरफ्तार कर लिया।
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पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें पिछले चार महीने में 150 संक्रमितों को प्लाज्मा बेचा है। इसके लिए उन्होंने जेएएच की फर्जी रसीद और क्रॉस मैच रिपोर्ट भी तैयार की। पुलिस दोनों से गिरोह के बारे में पूछताछ कर रही है। जानकारी के मुताबिक, इस गिरोह में जेएएच की लैब के एक कर्मचारी समेत 8 से 10 लोग शामिल हैं। एसपी अमित संघी ने बताया कि प्लाज्मा लेनदेन में दलाली सहित जेएएच की फर्जी रसीद बनाने का मामला पकड़ा जा चुका है। इस मामले के कुछ अन्य बिंदुओं पर जांच चल रही है।
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इस मामले की जांच कर रही कमेटी के मुखिया डॉ. एसके वर्मा टीम के सात जांच करने के लिए जेएच परिसर स्थित ब्लड बैंक पहुंचे तो पता चला कि मृतक के परिजनों ने अपालो अस्पताल को जो प्लाजमा लाकर दिया था, वह प्लाजमा बैग की जगह ब्लड बैग में था। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी इस तथ्य को नजरअंदाज किया था। जिसके बाद डॉक्टरों ने प्लाज्मा को चढ़ा दिया। प्लाज्मा चढ़ाने के बाद मरीज को कंपकंपी होने लगी। मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो डॉक्टरों ने प्लाज्मा देना बंद कर दिया।
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जांच कमेटी ने मृतक मनोज गुप्ता की तीन जगह की खाल, बिसरा, खून व फेफड़े जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया है। जीआरएमसी के डॉ. चंद्र शेखर वागमारे, डॉ. जेपी सोनील और डॉ. बृजेश सक्सेना की तीन सदस्यीय टीम को बॉडी का पोस्टमार्टम करने का जिम्मा दिया है। परिजनों से पूछताछ करने पर उन्होंने डॉक्टर अजय त्यागी का नाम बताया, जिसे टीम ढूंढ रही है।