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इस दिन है माघ पूर्णिमा, नोट कर लें संपूर्ण पूजा-विधि

Purnima

Purnima

माघ मास की पूर्णिमा (Magh Purnima) 12 फरवरी को है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्वयं देवता पृथ्वी पर मनुष्य के रूप में प्रयागराज संगम में स्नान, दान करने आते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करना सुख-समृद्धिदायक होता है। भगवान सत्यनारायण की कथा व पवित्र नदियों में दीपदान करने का भी विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनुष्य के दुख-दर्द और बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन संभव हो तो गंगा अन्यथा किसी भी नदी में स्नान करना बेहद शुभफलदायी होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष में माता लक्ष्मी का आगमन होता है।

मुहूर्त-

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – फरवरी 11, 2025 को 06:55 पी एम बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – फरवरी 12, 2025 को 07:22 पी एम बजे

पूजा-विधि:

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।

नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।

इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।

भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।

पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।

चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।

अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

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