माघ पूर्णिमा पर आज, शनिवार (27 फरवरी) को करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट पर आस्था का डुबकी लगाई। इस दौरान संगम नगरी प्रयागराज में हर तरफ भक्ति का रंग छा गया। बता दें कि माघ मेले के पांचवे स्नान के लिए शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं का का जन सैलाव पहुंचने लगा था। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा खासी व्यवस्था की गई थी।
गंगा के प्रमुख घाटों के साथ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई। तो वहीं, माघ पूर्णिमा के मेले को देखते हुए खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर है।
#WATCH: Prayagraj District Administration showers flower petals on devotees at Triveni Sangam, on the occasion of ‘Magh Purnima’. pic.twitter.com/tpjlP6xfiN
— ANI UP (@ANINewsUP) February 27, 2021
माघ पूर्णिमा पर हुई पुष्प वर्षा
माघ पूर्णिमा पर आए श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा की गई। यह पुष्प वर्षा प्रयागराज जिले प्रशासन की हेलीकॉप्टर के माध्यम से की। योगी सरकार की तरफ माघ पूर्णिमा पर आए श्रद्धालुओं के ऊपर ये पुष्प वर्षा कराई गई थी। हेलीकॉप्टर से सुबह 8:30 बजे ये पुष्प वर्षा शुरू हो गई थी। बता दें कि कल्पवासियों की आखरी डुबकी को योगी सरकार ने सुखद और भावपूर्ण बनाने की कोशिश की। गुलाब की पंखुड़ियां लेकर सुबह से ही पुलिस लाइन से हेलीकॉप्टर संगम के लिए उड़ान भरने लगे।
माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही संयम, श्रद्धा एवं कायाशोधन का कल्पवास समाप्त
कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। स्नान पर्व को देखते हुए इस बार भी संगम समेत गंगा के सभी आठ स्नान घाटों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी रोक दी गई है। ड्रोन से स्नान घाटों समेत पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। देर रात आरएएफ, पीएसी, पुलिस समेत करीब चार हजार जवानों ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया था।
माघ पूर्णिमा पर होती है पुण्य फलों की प्राप्ति
कहते है कि आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान देने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है। विष्णु पुराण में भगवान विष्णु ने माघ माह को मासोत्तम मास की संज्ञा दी है। अर्थात् सभी मास में माघ मास सवोत्तम होता है। इसलिए काम्य संकल्प के साथ यदि इस पूरे माह स्नान-व्रतादि किए जाएं तो सर्वत्र लाभ प्राप्त होता है। अब पूरा माघ माह बीतने को है, अनेक लोगों ने पूरे माह माघ स्नान किया भी होगा, लेकिन जो पूरे माह इससे वंचित रह गए, वे माघ पूर्णिमा के दिन स्नान करके पूरे माह का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।