मथुरा। ब्रज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। नंदगांव में आधी रात को बाल कृष्ण ने जन्म लिया। राधा के गांव बरसाना में बधाइयां गूंजीं। परंपरा के अनुसार आज मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्मोत्सव मनाया जाएगा। यह पहला मौका है, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बिना भक्तों के मनाया जा जा रहा है। ब्रज के मंदिरों में सिर्फ संतों और सेवायतों की मौजूदगी में सभी परंपराएं पूरी की जाएंगी। मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर यह फैसला लिया गया है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान जन्मस्थान मंदिर में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है। जन्मोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में भी पूजा कराने वाले आचार्य के साथ आयोजन से जुड़े लोग भी सीमित संख्या में ही सम्मिलित होंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होने वाले जन्मोत्सव के लाइव दर्शन श्रद्धालु टेलीविजन और सोशल मीडिया से माध्यम से कर सकेंगे। जन्मोत्सव के अलौकिक क्षणों का सजीव प्रसारण किया जाएगा।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुरजी पत्र-पुष्प, रत्न प्रतिकृति, वस्त्र आदि के अद्भुत संयोजन से बनाए गए पूर्णेंदु कुंज बंगले में विराजमान होकर दर्शन देंगे। जन्माष्टमी के लिए ठाकुरजी के लिए विशेष पोशाक भी तैयार कराई गई है। ठाकुरजी इस बार पुष्प वृंत की पीत रंग की पोशाक धारण करेंगे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि यह पुष्प वृंत पोशाक रेशम, जरी, रत्न प्रतिकृति से बनाई गई है।
मंगलवार को दिव्य और पुष्प वृंत पोशाक ठाकुरजी को अर्पित की गई। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि यह अनूठी और दिव्य पुष्प-वृंत पोशाक को ठाकुरजी 12 अगस्त श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर धारण करेंगे। उन्होंने बताया कि स्वर्ण मंडित, रजत कामधेनु गाय, रजत कमल-पुष्प एवं भगवान के आभूषण आदि के दर्शन भी कराये गए। भगवान की पोशाक सेवा श्रीकृष्ण-जन्म महोत्सव समिति के द्वारा की गयी।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर द्वारिकाधीश मंदिर को रजनीगंधा, चंपा, चमेली, गुलाब, मोगरा के साथ जरबेरा, आर्किट, एंथोलियान आदि विदेशी फूलों से सजाया गया है। इन्हीं देशी विदेशी फूलों के मध्य विराजकर राजाधिराज भक्तों को दर्शन देंगे। इस साल ठाकुरजी पौन घंटे दर्शन होंगे। सुबह 10 से 10.30 बजे और रात्रि 11.45 बजे ही चैनल के माध्यम से दर्शन होंगे।
द्वारिकाधीश मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि इस बार कोराना वायरस की वजह से जिला प्रशासन द्वारा सभी मंदिरों को भक्तों के लिए बंद किया गया है और उसी का पालन करते हुए मंदिर के गोस्वामी ब्रजेश कुमार महाराज व डॉ. वागीश कुमार महाराज के निर्देश पर भक्तों को घर बैठे दर्शन की व्यवस्था दूरदर्शन व निजी चैनल के माध्यम से की गई है।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर द्वारिकाधीश का विशेष शृंगार किया जाएगा। ठाकुरजी को 100 वर्ष से भी अधिक प्राचीन रत्न जड़ित आभूषणों से सजाया जाएगा। इन आभूषणों में ठाकुर जी के अद्भुत हार, मुकुट, बाली, माला आदि है। ये साल में एक दिन ही बाहर निकाले जाते हैं। कोरोना के कारण भक्त मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
गिरिराज जी की तलहटी में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। कोरोना संक्रमण काल के चलते पहले से प्रमुख मंदिर बंद हैं। प्रशासन ने भी मंदिर संचालकों से भीड़ रोकने के निर्देश दिए हैं। तलहटी के बंद चल रहे मंदिरों में सेवायत अंदर ही ठाकुर जी का अभिषेक करेंगे। दूसरी ओर देवकी नंदन महाराज, राधा-श्याम सुंदर, कनक भवन, चेतन्य महाप्रभु, राधा मोहन मंदिर, साक्षी गोपाल, वैकटेंश मंदिर, तीन कौड़ी आश्रम, नंदभवन, रामधाम त्यागी आश्रम आदि पर मनाया जा रहा है।