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एकता का महाकुम्भ: संगम पर स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच में गूंजे जय श्री राम, हर हर गंगे के जयकारे

Maha Kumbh

Maha Kumbh

महाकुम्भनगर: महाकुम्भनगर भारत ही नहीं, विश्व की आस्था का केंद्र बन गया है। यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए। सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े। इस दौरान स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच समेत कई विदेशी भाषाओं में जय श्री राम और हर हर गंगे के जयकारों से संगम का वातावरण गूंज उठा।

संगम घाट बना वर्ल्ड हॉटस्पॉट

महाकुम्भ (Maha Kumbh) का संगम घाट इस बार दुनिया के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र बना गया है। देश के साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इसे आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया है। जर्मनी की रहने वाली क्रिस्टीना ने बताया कि यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। मैंने महाकुम्भ के बारे में सुना जरूर था, लेकिन यहां आकर ऐसा लगा कि यह अनुभव अविस्मरणीय है। क्रिस्टीना का जन्म इक्वाडोर में हुआ था। बाद में इनके माता पिता जर्मनी में बस गए। इक्वाडोर के निवासी उनके साथी भी भारत की आध्यात्मिकता से अभिभूत नजर आए। उनका कहना था कि गंगा में डुबकी लगाकर ऐसा महसूस हुआ, जैसे सभी पाप धुल गए हों।

न्यूयॉर्क के हेल्परिन ने समझी भारतीय संस्कृति की गहराई

न्यूयॉर्क से आए फैशन डिजाइनर कॉबी हेल्परिन ने कहा, भारत की संस्कृति और परंपराओं को इतने भव्य रूप में देखना मेरे लिए एक नया अनुभव है। महाकुम्भ (Maha Kumbh) ने मुझे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी प्रेरणादायक है। यहां आकर उन्हें गौरव का अहसास हो रहा है।

रूस के मिखाइल के लिए जीवन का सबसे खूबसूरत मौका

रूस से आए मिखाइल और उनके दोस्तों ने संगम घाट पर गंगा स्नान कर हर हर गंगे के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा, मैंने महाकुम्भ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को महसूस करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव है। यह हम सभी के लिए कभी न भूलने वाला क्षण है।

इटली और ऑस्ट्रेलिया से आए श्रद्धालु बोले, दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन

इटली से आए पाउलो ने अपने 12 सदस्यीय दल के साथ महाकुम्भ (Maha Kumbh) में संगम स्नान कर पावन पुण्य कमाया। उन्होंने योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा, दुनिया में इतना बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कहीं और संभव नहीं है। यह भारत की महानता को दर्शाता है।

महाकुम्भ में पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ कल्पवास की शुरुआत

उत्तर प्रदेश में यह आयोजन हो रहा है, इसके लिए यहां के शासक (सीएम योगी) भी बधाई के पात्र हैं। इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया से आए एलेक्स ने बताया कि जर्मनी में उनके दोस्तों ने उन्हें महाकुम्भ के बारे में बताया था। भारत आकर उन्होंने इस अद्वितीय आयोजन का अनुभव किया और इसे अपने जीवन का सबसे यादगार पल बताया।

सनातन संस्कृति का विश्वव्यापी आकर्षण

महाकुम्भ (Maha Kumbh) इस बार न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और गंगा के महत्व को समझने और अनुभव करने के लिए उमड़ पड़े। यह आयोजन न केवल भारतीय परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि विश्व एकता और आध्यात्मिकता का संगम भी है। महाकुम्भ एक ऐसा आयोजन है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा।

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