Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

एकता के महाकुम्भ के साथ ही महाकुम्भ ने दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश

Maha Kumbh

Maha Kumbh

महाकुम्भनगर : मकर संक्रांति पर महाकुम्भ (Maha Kumbh) में भारत के हर राज्य और हर जाति लोगों ने एक साथ संगम में अमृत स्नान किया। इसके साथ दुनिया भर के कई देशों के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए। पहले अमृत स्नान पर महाकुम्भ नगर में एकता का महाकुम्भ नजर आया। यहां भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत विदेशी नागरिकों ने परिवार के साथ पहुंचकर गंगा स्नान किया। जय श्री राम, हर हर गंगे का नारा लगाकर लोग उत्साह से लबरेज नजर आए।

आस्था का ऐसा संगम कि आज रेत तक नजर नहीं आई

महाकुम्भ (Maha Kumbh) के इस ऐतिहासिक मौके पर संगम का तट भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं से पूरी तरह से भर गया। आस्था का ऐसा संगम हुआ कि संगम की रेत तक आज पहले अमृत स्नान पर नजर नहीं आ रही थी। हर जगह सिर्फ मुंड ही मुंड नजर आ रहे थे। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश समेत हर राज्य, हर जाति के लोग और अन्य देशों से आए विदेशी नागरिकों ने गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। अमेरिकी, इजरायली, फ्रांसीसी समेत कई अन्य देशों के नागरिक गंगा स्नान करते हुए भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत हुए। वे भी बम बम भोले के नारे लगाते हुए उत्साह से झूमते नजर आए।

महाकुम्भ (Maha Kumbh) से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी भारत की ब्रांडिग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में दिव्य और भव्य महाकुम्भ का अलौकिक आयोजन किया गया है। भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति महाकुम्भ के इस बार के अद्भुत आयोजन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी ज्यादा बढ़ा दी है। महाकुम्भ मेले के शुरुआती दो दिनों में दुनिया भर के कई देशों के नागरिकों ने भाग लिया और भारत की संस्कृति को अनुभव किया। विदेशी श्रद्धालु भारत की सनातन संस्कृति से गहरे प्रभावित हुए और परिवार के साथ गंगा में स्नान किया। संगम के तट पर जय श्री राम और हर हर गंगे के उद्घोष से माहौल बना और श्रद्धालु श्रद्धा से गंगा में डुबकी लगाते रहे।

विदेशियों को ऊर्जा और सुकून दे रहा महाकुम्भ (Maha Kumbh)

महाकुम्भ (Maha Kumbh) में मकर संक्रांति अमृत स्नान का हिस्सा बने विदेशी नागरिक जैफ ने कहा कि मैं अमेरिका से हूं लेकिन मैं लिस्बन, पुर्तगाल में रहता हूं। मैं दक्षिण भारत की यात्रा कर रहा था। कल वाराणसी के रास्ते यहां पहुंचा। मुझे यहां की ऊर्जा बहुत शांत और सुकून देने वाली लगती है और हर कोई बहुत दोस्ताना सा लगता है। यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। यह एक बड़े मंदिर जैसा लगता है। मैं यहां की सुव्यवस्था और स्वच्छता देखकर चकित हूं। हर 15 मीटर पर कूड़ेदान उपलब्ध हैं।

साधु-संतों की वर्षों की तपस्या, प्रेम और साधना का पर्वः स्वामी कैलाशानंद

इसी तरह, ईरान से आई एक महिला ने कहा कि हम 9 लोगों का एक समूह हैं। हम दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए हैं। मेरे पति और मैं दुबई और लिस्बन के बीच रहते हैं। हमारा यहां पहली बार आना हुआ है। कुम्भ बहुत ही सुव्यवस्थित है। यह प्रभावशाली है। हम एक बहुत अच्छी टेंट कॉलोनी में रह रहे हैं। एक अन्य अमेरिकन सिटीजन पॉला ने टूटी फूटी हिंदी में कहा कि आज बहुत उत्तम दिन है। इस उत्तम दिन पर साधुओं के साथ स्नान करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। ये हमारा सौभाग्य है कि महाकुम्भ में आने का अवसर मिला और संन्यासियों का सानिध्य प्राप्त हुआ.

Exit mobile version