• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पतित को पावन बनाने का पर्व है महाकुम्भ

Writer D by Writer D
30/12/2024
in Mahakumbh 2025, उत्तर प्रदेश, राजनीति, लखनऊ
0
Maha Kumbh

Rakesh Kumar Shukla

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

महाकुम्भनगर। मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत महाकुम्भ महज एक मेला नहीं, बल्कि करीब डेढ माह तक चलने वाला मिलन और सत्संग का महापर्व है। देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस पर्व के विषय में जानना अति आवश्यक है, ताकि वह महाकुम्भ (Maha Kumbh) के महात्म्य और मूल को समझ सकें और अधिक से अधिक इसका पुण्य लाभ प्राप्त कर सकें। तीर्थ राज प्रयाग में प्रयाग पुत्र के नाम से फेमस राकेश कुमार शुक्ला ने महाकुम्भ को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ डिजिटल डिटॉक्स होने के साथ साथ पतित को पावन बनाने का पर्व है। उन्होंने कुम्भ पर लिखी अपनी कॉफ़ी टेबल बुक में भी प्रमुखता से इसका उल्लेख किया है।

रील की बजाय रियल जीवन जीना ही कल्पवास का उद्देश्य

मेला विशेषज्ञ और 2019 कुम्भ में केंद्र सरकार के विशेष सलाहकार रहे राकेश कुमार शुक्ला ने कहा कि कुम्भ पर्व है, इसे मेला ना बनाएं। कुम्भ (Maha Kumbh) को चार हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला आध्यात्मिक परिकल्पना, दूसरा प्रबंधन, तीसरा अर्थव्यवस्था और चौथा वैश्विक भागीदारी। हर श्रद्धालु के लिए यह समझना आवश्यक है कि कुम्भ क्या है? क्यों मनाया जाता है? कैसे मनाया जाता है? और यह महाकुंभ कैसा होगा?

उन्होंने (Maha Kumbh) कहा कि इस धरती का एकमात्र धर्म सनातन वैदिक हिन्दू धर्म है, जिसका उद्देश्य नर सेवा, नारायण सेवा के भाव के साथ मानव मात्र का कल्याण करना है। इसका विचार ऋषि मुनियों के सत्संग से शुरू होता है। महाकुम्भ को ऋषि, मुनि, यती, योगी, संत, महात्मा और समाज मिलकर बनाते हैं।

महाकुंभ क्षेत्र में स्वच्छता, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा होगी सर्वोपरि: एके शर्मा

संतों का कुम्भ के माध्यम से यह संदेश है कि व्यवसाय में धर्म होना चाहिए ना कि धर्म का व्यवसाय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1 मिनट की रील की बजाय रियल जीवन जीना ही यहां कल्पवास का उद्देश्य है। उन्होंने महाकुम्भ को ईश्वरीय संविधान की शक्ति से चलने वाला महत्वपूर्ण पर्व बताया।

Tags: maha kumbhMaha Kumbh 2025maha kumbh calling
Previous Post

इस देश में घर से बाहर झांक भी नहीं पाएंगी मुस्लिम महिलाएं, सरकार ने खिड़की बनाने पर लगाई रोक

Next Post

150 साल पुरानी प्रयागराज की धरोहर का दीदार कर सकेंगे महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालु

Writer D

Writer D

Related Posts

Mayur Dixit
राजनीति

डीएम ने राजकीय इंटर कॉलेज सलेमपुर महदूद का किया औचक निरीक्षण, शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया

11/09/2025
Economy
उत्तर प्रदेश

विकसित यूपी @2047 : इन्वेस्टमेंट और डिफेंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर बनेंगे यूपी के विकास की रीढ़

11/09/2025
UPITS
उत्तर प्रदेश

UPITS 2025: नॉलेज सेशन में सीएम योगी की प्राथमिकताओं पर होगा फोकस

11/09/2025
A big step on the path of industrial development of Bastar
राजनीति

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से बस्तर में औद्योगिक विकास को नई उड़ान

11/09/2025
CM Vishnudev Sai
Main Slider

प्रति व्यक्ति बिजली खपत के मामले में छत्तीसगढ़ देश से काफी आगे है: मुख्यमंत्री

11/09/2025
Next Post
Maha Kumbh Museum

150 साल पुरानी प्रयागराज की धरोहर का दीदार कर सकेंगे महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालु

यह भी पढ़ें

67 year death punishment

अमेरिका : 67 वर्ष की एक वृद्ध महिला को मिली मौत की सजा

13/01/2021
Akshaya Tritiya

इस दिन मनाई जाएगी अक्षय त्तृतीया, जानें इसका महत्व

10/04/2024
modi

5 जनवरी को कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन समर्पित करेंगे पीएम मोदी

03/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version