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सनातन को उसके चरम उत्कर्ष पर ले जाने का कार्य करेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ – चिदानंद सरस्वती

Chidanand Saraswati

Chidanand Saraswati

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ (Maha Kumbh) की समस्त दिव्यता – भव्यता उसमें आने वाले संतों,महात्माओं और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से संभव है।महाकुम्भ में आये परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती (Chidanand Saraswati) का कहना है कि महाकुम्भ भारतीयता का महापर्व है, सनातन आस्था को मानने वालों का इससे बड़ा कोई महोत्सव नहीं है। महाकुम्भ कुछ का नहीं सबका महोत्सव है, जिस उत्साह और जोश में लोग महाकुम्भ में भाग लेने आ रहे हैं, संगम के सब तट आस्थावान लोगों से भरे हुए हैं। ऐसा नजारा पूरे विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलता। ये सनातन के उत्कर्ष का महापर्व है और सनातन को उसके उच्चतम् शिखर पर ले जाने का कार्य करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)।

महाकुम्भ दे रहा सनातन एकता, सरसता का संदेश

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद सरस्वती (Chidanand Saraswati) का कहना है कि वो 1971 से महाकुम्भ में सम्मिलित होते रहे हैं। लेकिन जैसी दिव्य और भव्य व्यवस्था प्रयागराज के इस महाकुम्भ में है ऐसी पहले कभी नहीं देखी। महाकुम्भ के इस महाआयोजन के लिए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का ऐसा भव्य आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों से ही संभव हुआ है।

उन्होंने (Chidanand Saraswati) बताया कि इस अद्भुत आयोजन को देख कर सभी लोग आह्लादित और उत्साहित हैं। देश ही नहीं विश्व के कोने-कोने से आये भक्त और पर्यटक महाकुम्भ की आभा, यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को देख कर यहां बार-बार आना चाह रहे हैं। महाकुम्भ से सनातन की एकता, सरसता का जो संदेश विश्व में जा रहा है अन्यत्र संभव नहीं है।

सनातन के उत्कर्ष को देख सभी आश्चर्यचकित

चिदानंद जी (Chidanand Saraswati) का कहना है कि जब मैंने संगम तट पर स्नान किया तो लोगों में भरे हुए उत्साह को देखकर पूरी तरह गौरवान्वित था। ऐसा दिव्य-भव्य, अद्भुत नजारा, देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आ कर पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे हैं।

सनातन के उत्कर्ष को देख कर सभी आश्चर्यचकित हैं। यहां तक कि सीमा पार पाकिस्तान, बंग्लादेश से लेकर बहरीन, अरब के लोग देख कर न केवल हैरान हो रहे हैं बल्कि कई तो खुद महाकुम्भ में शामिल होने आना चाह रहे हैं। लोगों को बांटने वाले देखें कि कैसे सभी जाति, पंत, भाषा बोलने वाले एक साथ संगम स्नान कर रहे हैं। महाकुम्भ सनातन की एकता का महापर्व है।

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