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नारी शक्ति और युवा चेतना से सनातन के मेल का साक्षी बन रहा है प्रयागराज महाकुम्भ

Maha Kumbh

Maha Kumbh

महाकुम्भ नगर। प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) सनातन के विस्तार की नई इबारत लिख रहा है। महाकुम्भ में बड़ी संख्या में लोग सनातन का हिस्सा बन रहे हैं। इनमें नारी शक्ति और युवा चेतना सबसे अधिक जुड़ रहे हैं। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से सनातन को मजबूत करने के आवाहन के बाद यह बदलाव महाकुम्भ में अधिक देखने को मिल रहा है।

संन्यासिनी अखाड़े में 246 महिलाओं ने ली महिला नागा संस्कार की दीक्षा

प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) सनातन में नारी शक्ति को भागीदारी को लेकर भी नया इतिहास लिख रहा है। महाकुम्भ में मातृ शक्ति ने अखाड़ों से जुड़ने में गहरी रुचि दिखाई है। संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की अध्यक्ष डॉ. देव्या गिरी बताती हैं कि इस बार महाकुम्भ में 246 महिलाओं को नागा संन्यासिनी का दीक्षा संस्कार किया गया है।

कुम्भ या महा कुम्भ (Maha Kumbh) में नागा संन्यासिनी की दीक्षा लेने की अब तक कि यह सबसे अधिक संख्या है। इसके पहले 2019 के कुम्भ में 210 महिलाओं को नागा संन्यासिनी की दीक्षा देने का था। देव्या गिरी का कहना है कि इन महिलाओं में अधिक संख्या उच्च शिक्षित और आत्म चिंतन के लिए जुड़ने वालों की है।

महाकुम्भ (Maha Kumbh) में 7 हजार से अधिक महिलाओं ने ली गुरु दीक्षा

महाकुम्भ (Maha Kumbh) जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन से जन मानस को सनातन को समझने और इससे जुड़ने का अवसर देते हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से महाकुम्भ दिव्य , भव्य और डिजिटल स्वरूप दिए जाने से इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए करोड़ों लोग आए हैं। महाकुम्भ में इन धर्म गुरुओं के शिविर में सनातन से जुड़ने वालो की कतारें लगी रही। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी, और वैष्णव संतो के धर्माचार्यों में सनातन से जुड़ने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक रही। सभी प्रमुख अखाड़ों में इस बार सात हजार से अधिक महिलाओं ने धर्माचार्यों से गुरु दीक्षा ली और सनातन की सेवा का संकल्प लिया।

नारी शक्ति की युवा पीढ़ी पर चढ़ा सनातन का रंग

प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) में आने वाले श्रद्धालुओं में नई पीढ़ी की नारी शक्ति की संख्या में इस बार अधिक बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। महाकुम्भ में युवाओं की भूमिका में शोध करने दिल्ली यूनिवर्सिटी की शोध छात्रा इप्शिता होलकर बताती हैं कि महाकुम्भ के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से लेकर बसंत पंचमी तक विभिन्न एंट्री पॉइंट्स पर उनके जो सर्वे हुए हैं इसमें जो ट्रेंड देखने को मिल रहा है उसमें महाकुम्भ में आ रहे हर 10 आगंतुकों में 4 महिलाएं हैं, जिसमें नई पीढ़ी की संख्या 40 फीसदी है।

गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान की तरफ से इस विषय पर किए जा रहे सर्वे और शोध में भी इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि नई पीढ़ी में सनातन को समझने की ललक तेजी से बढ़ी है।

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