निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव का संक्रमण से निधन हो गया। वह मध्यप्रदेश के चित्रकूट से कुंभ में शामिल होने के लिए हरिद्वार गए थे। पॉजिटिव होने के बाद से उनका देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। हॉस्पिटल मैनेजमेंट के मुताबिक, बुधवार को उनका निधन हो गया। कुंभ के दौरान संक्रमण से जान गंवाने वाले कपिल देव पहले बड़े संत हैं।
उत्तराखंड के कोविड-19 स्टेट कंट्रोल रूम के मुताबिक, 10 से 14 अप्रैल के दौरान हरिद्वार में 2167 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। यहां 12 और 14 अप्रैल को शाही स्नान में लाखों लोग पहुंचे थे।
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कुंभ मेला के महानिरीक्षक (IG) संजय गुंज्याल ने बुधवार को बताया कि कुंभ के दौरान ‘बैसाखी शाही स्नान’ के मौके पर सभी 13 अखाड़ों ने पवित्र स्नान किया। 1974 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। बैसाखी के स्नान को सभी 4 शाही स्नान में सबसे बड़ा माना जाता है। 2010 में इसके लिए 1.60 करोड़ लोग पहुंचे थे। इसके मुकाबले इस बार लगभग 6 लाख लोग ही इसमें शामिल हुए।
कोरोना के बीच हरिद्वार में चल रहे कुंभ में बुधवार को शाही स्नान के मौके पर 13 लाख से ज्यादा भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान खबर आई कि संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार कुंभ को लेकर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार के मुताबिक, भीड़ की वजह से कोविड-19 के लिए जारी गाइडलाइन का पालन कुंभ में करवाने में लगातार दिक्कतें आ रही हैं।
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तीर्थयात्रियों और साधु-संतों में भी लगातार कोरोना पॉजिटिव के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में कुछ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। कुंभ में यात्रियों और अखाड़ों में साधु-संतों की संख्या सीमित की जा सकती है। समय निर्धारित किया जा सकता है, ताकि दिन में एक समय में तय संख्या में ही लोग कुंभ में मौजूद रहें।